पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से गोपनीय सूचना साझा करने के दोषी ईश्वर बेहेरा को आजीवन कारावास
बालासोर की एक स्थानीय अदालत ने डीआरडीओ के पूर्व कांट्रेक्चुअल कैमरामैन ईश्वर बेहरा को आजीवन कारावास (life Imprisonment) की सजा सुनाई है। ईश्वर बेहरा (Ishwar Behera) पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप है।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Fri, 12 Feb 2021 09:16 AM (IST)
बालेश्वर, जागरण संवाददाता। प्रतिरक्षा विभाग की गुप्त सूचना एजेंट को बेचने के आरोप में 2015 में गिरफ्तार होने वाला चांदीपुर आइटीआर में ठेके पर नियुक्त वीडियोग्राफर मयूरभंज जिले के कंटीपुर इलाके का रहने वाला ईश्वर बेहेरा को बालेश्वर अतिरिक्त जिला एवं दौरा जज ने गुरुवार को दोषी साबित करने के साथ ही आजीवन कारावास से दंडित किया है। इस मामले में सभी गवाह प्रमाण एवं दस्तावेज के आधार पर अतिरिक्त जिला एवं दौरा जज गिरजा प्रसाद महापात्र ने ईश्वर को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
आईपीसी की धारा 120 (ख), 121 एवं 121 (क) तथा सेक्शन 5 एवं सेक्शन 3 के आधार पर देश विरोधी षड्यंत्र में शामिल, प्रतिरक्षा विभाग की गुप्त सूचनाएं धन लेकर दुश्मन को बेचने जैसे अपराध के लिए उसे यह सजा देने की बात जज ने अपनी राय में उल्लेख किया है। मामले की सुनवाई के समय क्राइमब्रांच की तरफ से पेश किए गए 666 सेकंड का एक ऑडियो क्लिप में विदेशी एजेंट के साथ ईश्वर बेहेरा की बातचीत तथा आबुधाबी, कोलकाता, अजमेर एवं बिहार के विभिन्न खाते से ईश्वर बेहेरा के के खाता में आने वाली धनराशि रिकार्ड पत्र को अधिक महत्व दिए जाने की बात सरकारी वकील ने कही है। देश विरोधी षड्यंत्र जैसा यह संगीन मामला होने से ईश्वर बेहेरा को मृत्युदंड देने के लिए क्राइमब्रांच के वकील ने आवेदन किया था। हालांकि अतिरिक्त जिला जज श्री महापात्र ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि चांदीपुर स्थित आईटीआर केंद्र में ईश्वर बेहेरा ठेका में फोटो एवं वीडियो ग्राफर के तौर पर काम करता था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को गुप्त तथ्य बेचने को लेकर खुफिया विभाग से सूचना मिलने के बाद चांदीपुर पुलिस ने 22 जनवरी 2015 को ईश्वर बेहेरा को गिरफ्तार किया था। बाद में यह मामला क्राइमब्रांच को हस्तांतरित कर दिया गया। इसी दिन से ईश्वर बेहेरा बालेश्वर जेल में विचाराधीन कैदी के तौर पर बंद था। इस बीच उसने कई बार जमानत के लिए अदालत में आवेदन किया मगर उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। बेहेरा के वकील हरे कृष्ण दास ने कहा है कि इस राय के खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे। क्राइम ब्रांच की तरफ से इस मामले का संचालन वरिष्ठ वकील चितरंजन कानूनगो एवं प्रशांत मलिक कर रहे थे।
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