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ओडिशा में विधायकों और सांसदों के खिलाफ 423 मामले लंबित, खुर्दा जिले में सर्वाधिक; सुनवाई के लिए विशेष

ओडिशा में सांसदों और विधायकों के खिलाफ 423 मामले लंबित हैं। 31 दिसंबर 2023 तक हाईकोर्ट की वेबसाइट पर 30 जिलों में सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की जानकारी जारी की गई है। खुर्दा जिले में सांसदों/विधायकों के खिलाफ सबसे अधिक लंबित हैं। इसके बाद संबलपुर और गंजाम क्रमश दूसरे और तीसरे स्‍थान पर है। इनकी सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया गया है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 09 Jan 2024 10:34 AM (IST)
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ओडिशा में विधायकों और सांसदों के खिलाफ 423 मामले लंबित।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य में सांसदों और विधायकों के खिलाफ 423 मामले लंबित हैं। 31 दिसंबर, 2023 तक हाईकोर्ट की वेबसाइट पर 30 जिलों में सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की जानकारी जारी की गई है. खुर्दा जिले में सांसदों/विधायकों के खिलाफ सबसे अधिक 86 मामले लंबित हैं। संबलपुर जिला, जो इस क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है, में 53 मामले हैं और गंजाम जिला, जो तीसरे स्थान पर है, में सांसदों/विधायकों के खिलाफ 51 मामले लंबित हैं।

इन जिलों में सांसदों के खिलाफ नहीं एक भी मामला

अनुगुल में सांसदों/विधायकों के खिलाफ 27, बालेश्वर में 28, बरगढ़ में एक, बलांगीर में 26, कटक में 36, कालाहांडी में एक, कोरापुट में 48, मयूरभंज में 24, सोनपुर में एक और सुंदरगढ़ में 41 मामले लंबित हैं।

दूसरी ओर, भद्रक, बौद्ध, देवगढ़, ढेंकानाल, गजपति, जगतसिंहपुर, जाजपुर, झारसुगुडा, केंद्रापड़ा, केंदुझर, मालकानगिरी, नवरंगपुर, नयागढ़, नुआपाड़ा, फूलवाणी, पुरी और रायगढ़ जिलों की अदालतों में सांसदों/विधायकों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है।

मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन

यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि सांसदों/विधायकों के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए राज्य के कुछ हिस्सों में विशेष अदालतें स्थापित की गई हैं। 16 सितंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम केन्द्र सरकार के मामले की सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया।

शीर्ष अदालत ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ मामलों की त्वरित सुनवाई और निपटान के लिए विशेष अदालतों के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने 2020 में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दायर किया।

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि विधायकों/सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए कुछ स्थानों पर विशेष अदालतें गठित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों और पूर्व विधायकों के खिलाफ मजिस्ट्रेटों द्वारा मुकदमे योग्य मामलों की सुनवाई के लिए 11 सिविल जज अदालतों को विशेष अदालतों के रूप में नामित किया गया है।

लंबित मामलों को विचार के लिए विशेष अदालत भेजा गया

इसी तरह, 5 अप्रैल, 2021 को राज्य सरकार ने मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि 17 मार्च, 2021 की अधिसूचना के अनुसार तीन अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अदालतों को ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का दर्जा दिया गया है।

इसके बाद, विभिन्न जिलों में विभिन्न अदालतों में सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों को सुनवाई के लिए विशेष अदालतों में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके अलावा, ऐसे मामलों को विचार के लिए विशेष अदालत में भेजा गया था।

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