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नीतीश के नक्‍शेकदम चले नवीन पटनायक, OBC सर्वे पर जल्‍द रिपोर्ट जारी कर सकती है ओडिशा सरकार

बिहार के बाद अब ओडिशा सरकार पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रकाशित करने की योजना बना रही है। इस साल मई और जुलाई के बीच पिछड़े वर्ग पर सर्वेक्षण करने वाले ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (ओएससीबीसी) ने राज्‍य सरकार को इस पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बताया जा रहा है कि ओडिशा की 4.7 करोड़ की आबादी में 42 फीसदी पिछड़े वर्गों से ही संबंधित है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Wed, 04 Oct 2023 03:16 PM (IST)Updated: Wed, 04 Oct 2023 03:16 PM (IST)
बिहार की तर्ज पर अब ओडिशा में पिछड़ा वर्ग पर सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रकाशित करने की उठी मांग।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। बिहार के बाद ओडिशा सरकार जल्द ही पिछड़े वर्गों पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रकाशित करने की योजना बना रही है। ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (ओएससीबीसी), जिसने इस साल मई और जुलाई के बीच एक सर्वेक्षण किया था, ने हाल ही में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

ओडिशा की आबादी में इतने हैं पिछड़े वर्ग के लोग

सूत्रों ने कहा कि राज्य की 4.7 करोड़ आबादी में से 42 फीसदी आबादी पिछड़े वर्गों से संबंधित है। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार जल्द ही इस रिपोर्ट प्रकाशित कर सकती है।

हालांकि, भाजपा एवं कांग्रेस ने सरकार की सर्वेक्षण के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं, तो समाजवादी पार्टी ने रिपोर्ट को तुरन्त प्रकाशित करने की मांग की है।

पिछड़े वर्गों की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति पर सर्वेक्षण

बीजद के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा है कि क्षेत्र के विशेषज्ञ आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ओबीसी की उचित गणना करने और उन्हें लाभ देने के अपने इरादे को लेकर स्पष्ट है। आयोग की रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है।

ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने एक मई से 10 जुलाई तक पिछड़े वर्गों की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति पर सर्वेक्षण किया था।

सरकार के सर्वेक्षण के तरीके पर विपक्ष ने उठाया सवाल

प्रारंभ में चिह्नित पिछड़े वर्गों के लोगों को 19 मई तक स्वेच्छा से अपने व्यवसाय और शैक्षिक योग्यता की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। इसके बाद डोर-टू-डोर गणना की गई और डेटा का सत्यापन किया गया।

हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने सर्वेक्षण कराने में देरी को लेकर सरकार पर निशाना साधा, तो भाजपा ने इस तरीके पर सवाल उठाए। समाजवादी पार्टी ने पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण रिपोर्ट को तुरन्त लागू करने की मांग की है।

भाजपा विधायक नौरी नायक ने कहा कि सरकार ने पूरी लगन से सर्वेक्षण नहीं कराया है। उन्होंने कहा है कि अगर वे ठीक से घर-घर गए होते, तो सही डेटा सामने आता।

यह कवायद काफी हद तक स्वैच्छिक थी जिसमें लोगों को पहचान के लिए दस्तावेजों के साथ सर्वेक्षण केंद्रों का दौरा करना पड़ता था। इस प्रक्रिया में, कई लोगों को छोड़ दिया गया है।

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पिछड़े वर्ग को अधिक आरक्षण देने की उठी मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक नरसिंह मिश्रा ने कहा है कि न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार ओबीसी का विकास चाहती है। उन्होंने कहा है कि वे ओबीसी विरोधी हैं।

वहीं समाजवादी पार्टी के राज्य अध्यक्ष रवि बेहरा ने पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण रिपोर्ट को तुरन्त प्रकाशित करने की मांग करते हुए कहा है कि प्रदेश में नियमानुसार राज्य सरकार को 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े वर्ग को देना चाहिए।

बावजूद इसके वर्तमान समय में सरकारी नौकरी के क्षेत्र में पिछडे वर्ग के बच्चों को 11.25 प्रतिशत दिया जा रहा है। वहीं स्कूल कालेज, विश्व विद्यालय, मेडिकल इंजीनीयरिंग में पिछड़ों को नाम लिखाने के क्षेत्र में ओडिशा में कोई आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।

इतना ही नहीं 1997 से 2017 तक पिछड़ा वर्ग को त्रिस्तरीय पंचायत, म्यूंसीपाल्टी, जिला परिषद एवं ग्राम पंचाचय चुनाव में 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था मगर 2022 में पंचायत चुनाव में कोई भी सीट आरक्षित नहीं रखी गई है।

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