Odisha News: विरोधी दलों के विरोध के बाद झूकी सरकार, कैबिनेट ने जनजातीय भूमि बिक्री अधिनियम को किया खारिज, संशोधन लिया वापस
Odisha News विरोधी दलों के विरोध के बाद कैबिनेट ने जनजातीय भूमि बिक्री अधिनियम को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि इस फैसले को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर थी और सदन के अंदर हंगामा जारी था। फिलहाल इस कानून को संशोधन के लिए जनजातीय सलाहकार परिषद के पास भेजा गया है जिसकी सूचना संसदीय कार्य मंत्री ने आज सदन में दी।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 24 Nov 2023 03:40 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। जनजातीय भूमि हस्तांतरण अधिनियम को निरस्त कर दिया गया है। विपक्ष के कड़े विरोध के बाद राज्य कैबिनेट ने अपना निर्णय वापस ले लिया है। इस फैसले को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर थी और सदन के अंदर हंगामा जारी था। संसदीय कार्य मंत्री ने आज सदन को सूचित किया कि इस कानून को संशोधन के लिए जनजातीय सलाहकार परिषद के पास भेज दिया गया है।
अधिनियम में संशोधन के निर्णय पर किया जाएगा पुनर्विचार
राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, आदिवासी भूमि हस्तांतरण अधिनियम में संशोधन के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा।संसदीय कार्य मंत्री निरंजन पुजारी ने सदन को सूचित किया कि इसे पुनर्विचार और जांच के लिए जनजातीय सलाहकार परिषद के पास भेजा गया है।
माना जा रहा है कि इस संबंध में 14 नवंबर के कैबिनेट के फैसले को विधानसभा में उनकी घोषणा से वापस ले लिया गया है। हालांकि, मंत्री ने विधानसभा में यह क्यों नहीं कहा कि इसे वापस ले लिया है।
राज्य कैबिनेट ने 14 नवंबर को दी थी प्रस्ताव को मंजूरी
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में 14 नवंबर को राज्य कैबिनेट ने नियम 2, 1956 (गैर-आदिवासी आदिवासियों की जमीन खरीद सकते हैं) में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।प्रस्ताव में कहा गया था कि आदिवासी गैर-आदिवासियों को जमीन हस्तांतर कर सकते हैं। शिक्षा, उद्योग और व्यवसाय के लिए जमीन बैंकों में गिरवी रख सकते हैं। हालांकि, कैबिनेट के निर्णय के बाद से ही राज्य में विवाद शुरू हो गया था।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।