भाजपा-बीजद गठबंधन की अटकलों के बीच कार्यकर्ताओं को मनाने की चुनौती, कई नेताओं की नाराजगी की बात आ रही सामने
BJP-BJD Alliance ओडिशा में भाजपा-बीजद गठबंधन की अटकलों के बीच एक नई चुनौती सामने आ रही है और वह है पार्टी के कार्यकर्ताओं को मनाना क्योंकि कई कार्यकर्ता और नेता इस गठबंधन की खबर से खुश नही हैं। 15 वर्ष तक एक-दूसरे के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ने के बाद अब गठबंधन की बात ये हजम नहीं कर पा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में राजनीतिक परिदृश्य अचानक बदल सा गया है। 15 वर्ष बाद एक बार फिर बीजद एवं भाजपा के बीच चुनावी गठबंधन होना लगभग तय हो गया है। गठबंधन की औपचारिक घोषणा भले ही ना हुई हो,शीर्ष स्तर पर सब कुछ फाइनल कर लिया गया है और जल्द ही गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी कर दी जाएगी।
नेताओं को मनाने में जुटीं पार्टियां
माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टियों के कैडर एवं नेता गठबंधन से खुश नहीं हैं, ऐसे में औपचारिक घोषणा करने से पहले दोनों ही पार्टियां अपने नेता एवं कैडरों को मनाने की कवायद तेज कर दी हैं।
या यूं कहें कि गठबंधन का माहौल बनाने में लग गई हैं ताकि औपचारिक घोषणा के बाद नेता एवं कैडर जमीनी स्तर पर आसानी से अपनी बात रख सकें।
कार्यकर्ताओं का मनोबल हुआ प्रभावित
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 15 वर्ष तक एक दूसरे के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ने के बाद यह गठबंधन होने जा रहा है, ऐसे में शीर्ष स्तर पर तो गठबंधन के संकेत दे दिए गए हैं, मगर जमीन स्तर पर काम करने वाले नेता एवं कार्यकर्ता इसे हजम नहीं कर पा रहे हैं। करें भी कैसे, प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा है और सत्ताधारी पार्टी बीजद है।
गठबंधन की चर्चा से पहले दोनों ही पार्टी के नेता एक दूसरे से पहले सीधी लड़ाई की तैयारी कर रहे थे। एक दिन पहले ही भाजपा की तरफ से कहा गया हम 147 विधानसभा एवं 21 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं।
ऐसे में सीट बंटवारा होने पर इन सीटों से चुनाव लड़ने की एवं जीतने की आशा रखने वाले नेता एवं कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित हुआ है। ऐसे में गठबंधन का दांव कहीं उल्टा ना पड़ जाए, दोनों ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व गठबंधन की औपचारिक घोषणा से पहले अपने नेता व कार्यकर्ताओं को मनाने व समझाने में लग गए हैं।
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