Odisha Crime: ब्रजराजनगर का गैंगस्टर भीमा गिरफ्तार, जमानत पर बाहर निकल दे रहा था वारदात को अंजाम; एक माउजर जब्त
ब्रजराजनगर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बहुचर्चित मंटू घोष हत्याकांड सहित अन्य अनेक संगीन अपराधों में लिप्त गैंगस्टर अनंत धल उर्फ भीमा को पुलिस ने पुरी से गिरफ्तार किया है। छह माह पहले जमानत पर जेल से बाहर आया था और विभिन्न अपराधों को अंजाम दे रहा था। जमानत मिलने के बाद भीमा ने बीते 13 मई को एक शराब भट्टी के मैनेजर का अपहरण कर लिया था।
By Shyam Sunder khandelwalEdited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 27 Nov 2023 06:14 PM (IST)
संवाद सूत्र, ब्रजराजनगर/भुवनेश्वर। ब्रजराजनगर का बहुचर्चित मंटू घोष हत्याकांड सहित अन्य अनेक संगीन अपराधों में लिप्त तथा ब्रजराजनगर का गैंगस्टर अनंत धल उर्फ भीमा छह माह पूर्व जमानत पर जेल से बाहर आया था।
विभिन्न अपराधों को अंजाम देने वाले अनंत धल को ब्रजराजनगर पुलिस ने पुरी से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल है। करीब छह माह पहले जमानत मिलने के बाद भीमा ने गत 13 मई को एक शराब भट्टी के मैनेजर का अपहरण कर लिया था।
शनिवार को पुरी से किया गया गिरफ्तार
इसी तरह सुबह-सुबह टहलने निकले एक एमसीएल कर्मचारी को बंदूक की नोक पर रंगदारी मांगने की शिकायत भी उसके खिलाफ थाने में दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद बारीकी से उसकी खोजबीन जारी रखी थी। इसमें आखिरकार शनिवार को उसे पुरी से गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिल ही गई।पुलिस ने उसे झारसुगुड़ा लाकर रविवार को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने उसके पास से एक देसी माउजर, दो जिंदा गोली, एक मोबाइल फोन और एक थार जीप भी जब्त की है।
अप्रैल में जमानत पर जेल से बाहर आया था
ज्ञात हो कि 5 नवंबर 2019 को घटे मंटू घोष हत्याकांड के मुख्य आरोपी भीमा धल कुछ शर्तों के साथ अप्रैल में जमानत पर जेल से बाहर आया था, लेकिन जेल से बाहर आते ही उसने कोयला व्यवसाइयों से रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया था। इसी वसूली के लिए उसने शराब भट्टी के मैनेजर का भी अपहरण किया था।13 नवंबर को गांधी चौक पुलिस चौकी अंतर्गत चांदनीमाल गांव स्थित देशी शराब भट्टी के कर्मचारी कृष्णा तिवारी तथा महेंद्र सिंह का केछोबहाल से लौटते समय मारपीट करने के बाद अपहरण कर लिया था। बाद में कृष्णा उनके चंगुल से जैसे तैसे छूट कर आया।
ब्रजराजनगर थाने में मामला दर्ज कराया और बताया कि कुल सात अपराधी उनके अपहरण में शामिल थे। पुलिस ने बाकी बचे अपराधियों को तो दबोच लिया था, लेकिन भीमा उसके हाथ नही लगा। जमानत पर होने के बाद भी वह बेधड़क रूप से अपराध की घटना को अंजाम दे रहा था। आखिरकार पुलिस को उसे पुरी से दबोचने में सफलता मिल ही गई।
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