Blackrose Ship Sinking Case: CBI ने उच्च न्यायालय में दायर किया हलफनामा, राज्य सरकार से अनुमति की बात का किया उल्लेख
सीबीआई ने ब्लैकरोज जहाज के डूबने के जांच की मांग से संबंधित मामले में उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर दिया है। इस हलफनामे में सीबीआई ने कहा है कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार से दो बार अनुरोध किया गया लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Blackrose Ship Sinking Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ब्लैकरोज जहाज के डूबने की सीबीआई जांच की मांग संबंधित मामले में उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है।
सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार से दो बार अनुरोध करने के बावजूद राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी है। मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
ये है मामला
9 सितंबर, 2009 को ब्लैकरोज जहाज पारादीप के तट से पांच किलोमीटर दूर संतुलन खोकर डूब गया था। जहाज में 23,500 मीट्रिक टन लौह अयस्क था। इस हादसे में जहाज के एक इंजीनियर की भी मौत हो गई थी।
जहाज के लंबे समय से समुद्र में पड़े होने के कारण समुद्र में तेल का रिसाव होने लगा। हालांकि, जहाज को किनारे पर लाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। अब जहाज पूरी तरह से पानी में डूब गयी है।
सीबीआई ने उच्च न्यायालय में ये कहा
उच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में सीबीआई ने कहा है कि ब्लैक रोज सोमालिया का जहाज था जो भारतीय समुद्र में डूब गया था। इसलिए 2018 में पोत परिवहन मंत्रालय ने देश की आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहाज के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए मामले की सीबीआई जांच कराने का फैसला किया था।
इस संदर्भ में पारादीप पोर्ट ट्रस्ट द्वारा उच्च न्यायालय को सूचित किया गया था। इसके बाद नवंबर 2019 में सीबीआई ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखा था।कुछ महीने बाद दुबारा पत्र भेजा।हालांकि,राज्य सरकार ने इस पर कोई अनुमति नहीं दी।
राज्य सरकार ने छानबीन करने में नहीं दिखाई कोई तत्परता
अन्य देश की जहाज ओडिशा की सीमा में डूब जाने के बावजूद उसके बारे में अधिक छानबीन करने की दिशा में राज्य सरकार ने कोई तत्परता नहीं दिखाई। परिणामस्वरूप राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण सीबीआई जांच शुरू नहीं हो पायी थी।
इसे लेकर अब सीबीआई ने उच्च न्यायालय को जानकारी दी है। अगले दो सप्ताह बाद हाईकोर्ट में मामले की फिर से सुनवाई होगी। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि हाईकोर्ट इस संबंध में क्या दे रहा है।
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