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Odisha News: 'हरेक जिंदगी अमूल्य...' बोरवेल से मासूम के सफल रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री ने जताई खुशी; कह दी ये बड़ी बात

संबलपुर जिला के रेंगाली थाना अंतर्गत लारीपाली स्थित श्रीराम बुढ़ा जंगल के पास एक उजड़े बगीचे में स्थित एक बोरवेल के अंदर फेंकी गई नवजात बच्‍ची को आखिरकार बचा लिया गया। इसे लेकर मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रेस्‍क्‍यू टीम की सराहना की है। सीएम ने कहा है कि हर जिंदगी कीमती है और उसे बचाना सरकार की जिम्‍मेदारी है।

By Radheshyam VermaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 13 Dec 2023 01:56 PM (IST)
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'हरेक जिंदगी अमूल्य...' बोरवेल से मासूम के सफल रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री ने जताई खुशी; कह दी ये बड़ी बात
संवाद सूत्र, संबलपुर। किसी निर्दयी मां की करतूत का खामियाजा भुगतने वाली एक दिन की नवजात बच्ची को आखिर नई जिंदगी मिली। करीब साढ़े छह घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मंगलवार की रात पौने दस बजे ओड्राफ और दमकल की टीम ने बोरवेल पाईप के अंदर से उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

ओडिशा के बोरवेल हादसे में संभवत: पहली बार इतने कम समय में यह सफलता मिली। इसे लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी खुशी व्यक्त किया है और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रेस्क्यू टीम की सराहना करते हुए बताया कि प्रत्येक जीवन अमूल्य है और उसे बचाना सरकार की जिम्मेदारी है।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि मंगलवार दोपहर संबलपुर जिला के रेंगाली थाना अंतर्गत लारीपाली स्थित श्रीराम बुढ़ा जंगल के पास एक उजड़े बगीचे में स्थित एक बोरवेल के अंदर से किसी मासूम के रोने की आवाज सुनने के बाद शौच के लिए गई महिलाओं ने इस बारे में गांववालों को सूचित किया था और इसकी खबर लगते ही प्रशासन और पुलिस के साथ रेस्क्यू टीम ने मोर्चा संभाल लिया था।

लोहे के पाईप के अंदर नवजात के होने का पता चलने के बाद उसे बचाने और सुरक्षित बाहर निकाले जाने की कोशिश शुरू कर दी गई। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में रेंगाली और संबलपुर के दमकल कर्मचारी और झारसुगुड़ा की ओड्राफ टीम शामिल रही। बोरवेल के अंदर नवजात की स्थिति जानने के लिए भुवनेश्वर से विशेष विमान से विक्टिम लोकेशन कैमरा(वीएलसी) मंगवाया गया।

क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई थी 

झारसुगुड़ा एयरपोर्ट से इस कैमरे को लारीपाली लाए जाने के बाद आगे का ऑपरेशन शुरू किया गया। नवजात को बचाए रखने के लिए बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई किए जाने समेत 100 वॉट का बल्ब भी जलाया गया ताकि नवजात को थोड़ी गर्मी मिलती रहे।

जेसीबी मशीनों की सहायता से बोरवेल के पास समांतर गड्ढा खोदे जाने के बाद एक सुरंग बनाया गया और लोहे के बोरवेल को आरी से काटकर नवजात को सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाने के बाद एंबुलेंस से उसे इलाज के लिए बुर्ला हॉस्पिटल भेजा गया, जहां इलाज के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

सभी के सहयोग से सफल हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद संबलपुर जिला पुलिस अधीक्षक मुकेश भामो ने बताया है कि इस ऑपरेशन की सफलता दमकल और ओड्राफ टीम और स्थानीय लोगों के सहयोग से संभव हुआ। पुलिस को मंगलवार के अपरान्ह इस हादसे के बारे में खबर मिली थी और इसी के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु कर दिया गया था।

नवजात को बाहर निकाले जाने के बाद इलाज के लिए बुर्ला हॉस्पिटल ले जाने के लिए ग्रीन कैरीडोर बनाया गया था। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस इस संवेदनशील मामले की जांच करने समेत उस मां का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिसने ऐसी निर्दयिता का काम किया।

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