नहीं रहे दामोदर राउत... 83 वर्ष की आयु में दिग्गज नेता ने ली अंतिम सांस, पुरी में होगा अंतिम संस्कार
Damodar Raut Demise ओडिशा सरकार के पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ नेता दामोदर राउत का भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 83 वर्ष की आयु में पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ नेता दामोदर राउत का निधन हो गया। परिवार के अनुसार दिग्गज नेता का निधन आज सुबह 5.23 बजे हुआ। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 83 वर्ष की आयु में पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ नेता दामोदर राउत का निधन हो गया। परिवार के अनुसार, दिग्गज नेता का निधन आज सुबह 5.23 बजे हुआ।
किडनी की समस्या से जूझ रहे थे राउत
लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे दामोदर राउत 18 मार्च की देर रात गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। ऑक्सीजन सैचुरेशन कम होने के बाद उन्हें कैपिटल हॉस्पिटल ले जाया गया और वहां उन्हें हार्ट अटैक हुआ। इसके बाद उन्हें भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया।
बेटे ने दी थी ब्रेन डेड होने की जानकारी
दाम राउत के बेटे और विधायक संबित राउत ने कहा कि जब उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, तब मस्तिष्क को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो गई थी। निजी अस्पताल पहुंचने पर उन्हें सीपीआर दिया गया और हृदय काम कर रहा था। हालांकि, उनके बेटे संबित ने कहा कि वह गंभीर मस्तिष्क क्षति के कारण ज्यादातर ब्रेन-डेड अवस्था में थे।पार्टी कार्यकर्ताओं ने दी अंतिम विदाई
उनके इलाज के लिए एक मेडिकल टीम तैनात की गई थी। लेकिन अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, उन्होंने आज सुबह आंखें मूंद लीं। उनके पार्थिव शरीर को आज यूनिट-6 स्थित सरकारी आवास पर ले जाया गया। इसके बाद उन्हें बीजद कार्यालय ले जाया गया।
वहां पार्टी कार्यकर्ता दाम को अंतिम विदाई दी। इसके बाद शव को विधानसभा ले जाया गया। विधायकों ने उनके अंतिम दर्शन किए और पुष्पांजलि अर्पित की। वहां से दाम के पार्थिव शरीर को पारादीप निर्वाचन क्षेत्र ले जाया जाएगा। परिवार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार पुरी में रात में किया जाएगा।
दामोदर राउत का राजनीतिक सफर
सात बार विधायक रहे दाम राउत 1977 में पहली बार इरसमा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। 1980 में, वह जनता दल सेक्युलर से दूसरी बार चुने गए।
1995 में हारने वाले दामोदर 2000 से 2019 तक बीजू जनता दल से विधायक चुने गए थे। वह इरसमा से पांच बार और पारादीप से दो बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने बीजू जनता दल (बीजद) और नवीन पटनायक सरकारों में सात से अधिक विभागों को संभाला।2017 में बीजू जनता दल से निष्कासित किए गए दाम तब भाजपा में शामिल हो गए थे। 2019 में उन्होंने बालीकुदा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गए। जनवरी में बीजद ने निलंबन आदेश को रद्द कर दिया था।
दामोदर राउत ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह पंचायती राज और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे।दाम राउत के निधन की खबर फैलते ही विभिन्न हलकों में शोक छा गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरसिंह मिश्रा ने बताया कि दामोदर राउत के निधन से राज्य ने एक सक्षम राजनेता खो दिया है।यह भी पढ़ें: नवीन पटनायक के पास सबसे ज्यादा संपत्ति, दीपाली दास पर सबसे अधिक कर्ज; पढ़ें कितने करोड़ के मालिक हैं ओडिशा के विधायक
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