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मटन खाने की ऐसी ललक कि गांववालों ने नहीं उठने दी बॉडी, तीन दिन तक पड़ा रहा शव; आने लगी भयंकर दुर्गंध

ओडिशा के मयूरभंज जिले के शामाखूंटा प्रखंड तथा बारीपदा सदर थाना अंतर्गत तेलबिला गांव में एक हैरान कर देने वाला सामने आया है। गांव की एक मृतक महिला का परिवार मांस की दावत का खर्च उठाने में असमर्थ रहा तो गांववालों ने दाह संस्‍कार के लिए शव को उठाने नहीं दिया। शव तीन दिनों तक ऐसे ही पड़ा रहा उससे बदबू आने लगी।

By Sheshnath Rai Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 19 Mar 2024 01:40 PM (IST)
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ग्रामीणों को मांस की दावत ना देने से तीन दिन पड़ा रहा मृतक महिला का शव।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में परंपरा की आड़ में इंसानियत को तिलांजलि देने की घटना यदा-कदा आती रही हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण मयूरभंज जिले के शामाखूंटा प्रखंड तथा बारीपदा सदर थाना अंतर्गत तेलबिला गांव में देखने को मिला है। गांव की एक मृतक महिला का परिवार मांस की दावत का खर्च उठाने में असमर्थ था, जिससे महिला का शव तीन दिनों तक बिना दाह संस्कार किए पड़ा रहा। इस घटना ने पूरे मानव समाज को शर्मसार किया है।

मटन खाने को लेकर गांव में हुआ बवाल

जानकारी के मुताबिक, तेलबिला गांव के रहने वाले सोमवारी सिंह (70) की शनिवार दोपहर मौत हो गई थी। गांव की परंपरा के अनुसार, सोमवारी के दो बेटे डाक्टर सिंह और चंदन सिंह ग्रामीणों को दान बाबद एक भेड़ देना था।मृतक के शुद्धिकरण के बाद दिए जाने वाले भेड़ की गांव में दावत करने का रिवाज है।

हालांकि, दोनों बेटों ने भेड़ देने में असमर्थता व्यक्त की। नतीजतन, ग्रामीणों ने सोमवारी के शव के दाह संस्कार में मदद करने से इनकार कर दिया। छोटा बेटा चंदन यह कहकर वापस नहीं लौटा कि वह भेड़ लेने बारीपदा जा रहा है। इस बीच घर पर बड़े बेटे ने भी भेड़ देने में अपनी बेबसी जाहिर की।

शव से आने लगी बदबू

उधर, ग्रामीण भी अपनी जिद पर अड़े रहे। ग्रामीणों का कहा है कि गांव में जब अन्य लोग दान देते हैं, तो दोनों भाई दावत खाते हैं।दोनों पक्षों के बीच हुए इस विवाद के बीच तीन दिन से शव घर में पड़ा रहा और शव तीन दिन में शव से दुर्गंध आने लगी।

सूचना मिलने पर पुलिस गांव में पहुंची और दोनों लड़कों बुलाकर ग्रामवासियों के साथ चर्चा की।हालांकि ग्रामवासी बिना दावत के सहयोग नहीं करने की जिद पर अड़े रहे।अंत में दोनों लड़के भेंड़ देने के लिए राजी हुए और फिर ग्रामीणों के सहयोग से सोमवारी का अंतिम संस्कार किया गया।

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