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DRDO और IIT भुवनेश्वर साथ मिलकर करेगा काम, AI समेत नौ परियोजनाएं शामिल

Odisha News डीआरडीओ एआई संचालित निगरानी और अन्य परियोजनाओं के लिए आईआईटी भुवनेश्वर के साथ गठजोड़ करेगा। डीआरडीओ और आईआईटी भुवनेश्वर के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। इस दौरान डीआरडीओ के ईसीएस क्लस्टर के डीजी बिनय दास और दोनों संस्थानों के कई वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान नौ स्वीकृत परियोजनाएं आईआईटी भुवनेश्वर को सौंपी गईं।

By Sheshnath Rai Edited By: Shashank Shekhar Updated: Wed, 08 May 2024 09:38 PM (IST)
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DRDO और IIT भुवनेश्वर साथ मिलकर करेगा काम, AI समेत नौ परियोजनाएं शामिल (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित निगरानी और अन्य परियोजनाओं के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) भुवनेश्वर के साथ गठजोड़ करेगा।

डीआरडीओ और आईआईटी भुवनेश्वर के अधिकारियों के बीच मंगलवार को यहां एक बैठक हुई। बैठक में डीआरडीओ के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन सिस्टम्स (ईसीएस) क्लस्टर के महानिदेशक (डीजी) बिनय दास और दोनों संस्थानों के कई वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान डीआरडीओ के ईसीएस क्लस्टर की नौ स्वीकृत परियोजनाएं आईआईटी भुवनेश्वर को सौंप दी गईं, जबकि अन्य 7 परियोजनाएं 18 करोड़ रुपये के वित्त पोषण के साथ मंजूरी देने की प्रक्रिया में हैं।

इन परियोजनाओं पर काम करेगा IIT भुवनेश्वर- अधिकारी

अधिकारियों ने कहा कि आईआईटी भुवनेश्वर स्वीकृत परियोजनाओं पर काम करेगा, जो इलेक्ट्रॉनिक्स युद्ध, एआई-संचालित निगरानी, बिजली प्रणाली, रडार सिस्टम आदि में फायदेमंद होंगे। आईआईटी के स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल साइंसेज के प्रमुख एस आर सामंतराय ने कहा कि आईआईटी भुवनेश्वर और डीआरडीओ का सहयोग रक्षा अनुप्रयोगों की उभरती अनुसंधान और विकास जरूरतों में योगदान देगा, जो 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए एक मंच तैयार करेगा।

उन्होंने कहा कि सहयोग का यह रूप रक्षा अनुसंधान कार्यक्रमों की स्थिरता को बढ़ाएगा और राष्ट्र निर्माण के लिए इको-सिस्टम का हिस्सा होगा। इस अवसर पर बोलते हुए विनय दास ने डीआरडीओ-स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों को उचित समीक्षा और जोखिम प्रबंधन प्रणालियों के साथ व्यवस्थित रूप से काम करने की सलाह दी ताकि परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके और अद्वितीय समाधान के साथ आ सकें।

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ प्रौद्योगिकी का पीछा करने वालों से प्रौद्योगिकी सक्षमकर्ता और ट्रेंडसेटर बनने के परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। कहा कि लक्ष्य अब आत्मनिर्भरता हासिल करने से आगे बढ़कर भारतीय सशस्त्र बलों के लिए मानक स्थापित करना है, जिसका दुनिया भर में अन्य लोगों के लिए अनुकरण करना है। इस संदर्भ में यह सहयोग और आईआईटी भुवनेश्वर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का एक और अवसर महत्वपूर्ण साबित होगा।

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