हाथी की इस करतूत से परेशान होकर किसान ने कर ली खुदकुशी, इस कदर हुए परेशान कि कीटनाशक पीकर दे दी जान
संबलपुर जिला के जमनकिरा ब्लाॅक अंतर्गत कतरकेला गांव के बीरबर दास ने खुदकुशी कर ली है। वह पेशे से किसान था। बीरबर दूसरों की जमीन बटाई पर लेकर खेती करता था। इस बार भी उसने बटाई पर जमीन लेकर धान फसल उगाया था लेकिन कटाई से पहले ही जंगली हाथियों ने धान की फसल को खाने समेत बर्बाद कर दिए। इससे बीरबर काफी परेशान और दुखी हो गया।
संसू, संबलपुर। जंगली हाथियों के उपद्रव से हुए फसल नुकसान के बाद एक बटाईदार किसान बीरबर दास ने हताश होकर खुदकुशी कर ली। कीटनाशक पी लेने वाले बीरबर को रविवार की रात इलाज के लिए कुचिंडा अस्पताल से बुर्ला हास्पिटल स्थानांतरित किया गया था, जहां सोमवार की रात इलाजरत अवस्था में उसकी मौत हो गई।
दूसरों की जमीन बटाई पर लेकर करता था खेती
पुलिस अपमृत्यु का मामला दर्ज कर मंगलवार के दिन मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद परिवार को सौंप दिया।
जानकारी के अनुसार संबलपुर जिला के जमनकिरा ब्लाॅक अंतर्गत कतरकेला गांव के बीरबर दास के पास अपनी कोई जमीन नहीं होने से वह दूसरों की जमीन बटाई पर लेकर खेती करता था। इस बार भी उसने बटाई पर जमीन लेकर धान फसल उगाया था।
हाथियों ने फसल को किया तहस-नहस
धान की फसल पककर तैयार हो चुकी थी, लेकिन कटाई से पहले ही जंगली हाथियों ने धान की फसल को खाने समेत बर्बाद कर दिए। इसे लेकर बीरबर हताश हो गया था और रविवार की शाम खुदकुशी करने की खातिर कीटनाशक पी गया था।
इसका पता चलते ही परिवार के लोग उसे इलाज के लिए कुचिंडा अस्पताल ले गए, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए बुर्ला अस्पताल स्थानांतरित किया गया, लेकिन इलाजरत अवस्था में सोमवार की रात उसकी मौत हो गई।
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