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Bhubaneswar News: प्रतिबंधित समुद्री इलाकों में पकड़े गए मछुआरों, गश्त कर रहे दल पर किया हमला

मंगलवार को केंद्रापड़ा गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य के निषेध क्षेत्रों में अवैध रूप से मछली पकड़ने कुछ मछुआरों वन विभाग के अधिकारियों पर हमला कर दिया। यह घटना अभयारण्य में हुकीटोला के सामने महानदी नदी के मुहाने पर घटी और इससे बीच समुद्र में भय की स्थिति बन गई। वन विभाग की टीम एक नाव के जरिए क्षेत्र में गश्त कर रही टीम ने 15-20 ट्रॉलर को मछली पकड़ते देखा।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 19 Mar 2024 05:18 PM (IST)
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प्रतिबंधित समुद्री इलाकों में पकड़े गए मछुआरों ने वन विभाग की टीम पर किया हमला (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। केंद्रापड़ा गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य के निषेध क्षेत्रों में अवैध रूप से मछली पकड़ने वाले कुछ मछुआरों ने मंगलवार को वन विभाग के अधिकारियों पर हमला कर दिया, जिससे बीच समुद्र में भय की स्थिति बन गई। यह घटना अभयारण्य में हुकीटोला के सामने महानदी नदी के मुहाने पर हुई है।

जानकारी के मुताबिक गहिरमथा समुद्र तट पर हर साल लाखों की संख्या में अंडे देने वाले लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुओं के सुरक्षित सामूहिक घोंसले के लिए क्षेत्र में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू किया जाता है।

गश्त टीम ने ट्रॉलर को मछली पकड़ते देखा

इस वर्ष भी यह प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में वन विभाग की ग्यारह सदस्यीय टीम एक नाव के जरिए क्षेत्र में गश्त कर रही थी। गश्त टीम ने प्रतिबंधित क्षेत्र में लगभग 15-20 ट्रॉलर को मछली पकड़ते देखा।

वन विभाग के कर्मचारियों पर किया हमला

वन कर्मचारियों ने उन्हें मछली पकड़ना बंद करने तथा प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर निकलने को कहा, तो उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला कर दिया। वन विभाग की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई।

वन विभाग की कार्रवाई के बाद मछुआरे वहां से भाग गए। वन विभाग के कर्मचारियों ने इस संदर्भ में धामरा मरीन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करायी है।

ट्रॉलर से होती हैं ये परेशानियां

गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने ओलिव रिडले समुद्री कछुओं के बड़े पैमाने पर अंडे देने की शुरुआत के मद्देनजर हर साल नवंबर से मई तक गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य में धामरा-हुकीटोला नदी के मुहाने के 20 किलोमीटर क्षेत्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर सात महीने का प्रतिबंध लगाती है।

ट्रॉलर से मछली पकड़ने के कारण प्रजनन करने के लिए आए कछुए प्रभावित होते हैं। मछुआरों की जाल में फंसकर उनकी मृत्यु भी हो जाती है।

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