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कहीं राख तो कहीं धुआं-धुआं... ओडिशा में धधक रहे हैं जंगल, कीमती पेड़ जलकर हो रहे खाक, जानवर भी लाचार

ओडिशा में सिमिलिपाल अभयारण्य के जंगलों में आग लगने की बढ़ती जा रही हैं। यहां 43 जगहों पर जंगल धधक रहे हैं। इन पर काबू पाने की लगातार कोशिश की जा रही है। सिमलिपाल में इस साल अब तक आग लगने की कुल 177 घटनाएं हो चुकी हैं। इससे न केवल कीमती पेड़ जलकर राख हो रहे हैं बल्कि जंगलों में रहने वाले जानवर भी बेबस नजर आ रहे हैं।

By Sheshnath Rai Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 22 Apr 2024 12:48 PM (IST)
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सिमिलिपाल अभयारण्य के जंगलों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। सिमिलिपाल अभयारण्य के जंगलों में आग लगने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। एक दिन पहले जहां 13 जगहों पर आग लगी थी, वहीं आज 43 जगहों पर जंगल जल रहा है।ड्रोन कैमरों से आग लगने की जगह की पहचान होने के बाद कर्मचारी वहां पहुंचे और उसे बुझाने में कामयाब रहे।

ODRAF की 26 सदस्‍यीय टीम जंगल में तैनात

सिमलिपाल क्षेत्र के उप निदेशक सम्राट गौड़ ने कहा कि आग बुझाने के अभियान में ओडीआरएएफ की 26 सदस्यीय टीम के साथ दमकल कर्मचारी शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक, सिमलिपाल में इस साल अब तक आग लगने की कुल 177 घटनाएं हो चुकी हैं। आग सिमिलिपाल उत्तरी वन रेंज में 25 स्थानों और दक्षिण सिमलिपाल में 18 स्थानों पर लगी। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी आग लगी हुई है।

जंगलों में कीमती पेड़ जलकर हो रहे राख

हालांकि वन विभाग आग बुझाने में सफल रहा है, लेकिन अधिकांश बिंदुओं की पहचान करना संभव नहीं है।नतीजतन, कीमती पेड़ जलकर राख हो रहे हैं। इससे जंगली जानवरों की जान को भी खतरा पैदा हो गया है। उधर, सरकार से आग पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए कदम उठाने की मांग की जा रही है।

वन विभाग का कहना है कि इस वर्ष आग पर काबू पाने के लिए पहले से व्यापक तैयारी की गई है। जंगल के आस-पास रहने वाले ग्रामीणों को जागरूक किया गया है। जागरूकता रैली निकाली गई है। 100 से अधिक मॉकड्रिल किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक बीट में ब्लेयर मशीन एवं जरूरी सामग्री मुहैया करा दी गई है।

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