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Mohan Charan Majhi: जीत के बाद पहली बार घर पहुंचे CM मोहन चरण माझी, मां ने खिलाया खाना और लुटाया प्यार

सोमवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने गृह जिले क्योंझर का दौरे किया। इस दौरान वे अपने पैतृक गांव रायकला भी पहुंचे और अपने घर भी गए। घर पहुंचकर सीएम माझी की मां ने बेटे के घर पहुंचने पर असीम प्रेम और दुलार से विभूषित किया। सीएम की मां ने अपने हाथ से खाना खिलाया और पानी भी पिलाया।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Mon, 24 Jun 2024 10:08 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2024 10:08 PM (IST)
जीत के बाद पहली बार घर पहुंचे CM मोहन चरण माझी

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी के अपने पैतृक गांव रायकला पहुंचने पर झुमपुरा प्रखण्ड सहित अनेक क्षेत्रों के मित्र, जनसाधरण में अपने प्रिय मुख्यमंत्री की एक झलक पाने की होड़ मची थी।

वहीं, अपने व्यस्त कार्यक्रम की समाप्ति के बाद अपने घर में पहुंचने पर मां बाले मांझी ने अपने सीएम बेटे को अपने असीम प्रेम और दुलार से विभूषित किया। मां ने अपने बेटे को अपनी साड़ी के आंचल से मुंह पोछा और गर्मी, थकान से चूर बेटे को पानी पिलाया।

इस दिन हुआ सीएम माझी का जन्म

बता दें कि मोहन चरण मांझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को क्योंझर जिले के रायकला गांव में हुआ था। उनके पिता गुनाराम मांझी एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे। उनका परिवार संताल आदिवासी समुदाय से है।

इस स्कूल से की पढ़ाई

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा 1987 में झुमपुरा हाई स्कूल से की और 1990 में आंनदपुर कालेज से अपनी उच्च माध्यमिक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने चंपुआ के चंद्रशेखर कालेज से कला स्नातक की डिग्री और ढेंकनाल ला कालेज से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने झुमपुरा में सरस्वती शिशु मंदिर में एक शिक्षक (गुरुजी) के रूप में काम किया। वर्ष 2004 में प्रियंका मरांडी से शादी की। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं।

क्योंझर सीट से चुने गए विधायक 

वह 2024 के ओडिशा विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में क्योंझर से ओडिशा विधान सभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2000 से 2009 और 2019 से 2024 तक उसी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

उन्होंने 2019 से 2024 तक ओडिशा विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक के रूप में कार्य किया। वर्ष 1997 में सरपंच के रूप में राजनीति में प्रवेश किया।

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