Odisha News: हीराकुद में डायरिया का आतंक, सौ से ज्यादा लोग हुए बीमार; नल में गंदा पानी आने से फैली बीमारी
समुद्र जैसे अथाह हीराकुद बांध के जलभंडार की तलहटी पर बसा हीराकुद उपनगर एक बार फिर डायरिया की चपेट में है। इसका पता चलने और सौ से अधिक लोगों के आक्रांत होने का पता चलने के बाद से जिला के वरिष्ठ अधिकारी समेत मेडिकल टीम हीराकुद पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और इससे निपटे जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों से चर्चा की।
संवाद सूत्र, संबलपुर। समुद्र जैसे अथाह हीराकुद बांध के जलभंडार की तलहटी पर बसा हीराकुद उपनगर एक बार फिर डायरिया की चपेट में है। इसका पता चलने और सौ से अधिक लोगों के आक्रांत होने का पता चलने के बाद से जिला के वरिष्ठ अधिकारी समेत मेडिकल टीम हीराकुद पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और इससे निपटे जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों से चर्चा की।
बताया गया है कि शनिवार के दिन, बुर्ला हास्पिटल में डिलेश्वर नायक नामक एक आक्रांत की मौत हो गई। इसे लेकर पूछे जाने पर प्रशासन की ओर से बताया गया है कि डिलेश्वर की डायरिया से नहीं बल्कि लिवर जनित समस्या से हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में हुई बेमौसम वर्षा के बाद हीराकुद के न्यू मार्केट कालोनी, गुरुद्वारापाड़ा, क्रिश्चियनपाड़ा, माछपाड़ा, कालोपाड़ा, गौडपाड़ा, कदमपाड़ा, टंकीपाड़ा इलाके में रहने वाले लोगों को उल्टी दस्त शुरु हो जाने से शुक्रवार की रात इलाज के लिए हीराकुद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां 15 की खराब हालत को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए बुर्ला हास्पिटल स्थानांतरित किया गया, जहां इलाज के बाद उनकी हालत सुधरने के बाद घर भेज दिया गया।
शनिवार को उत्तरांचल राजस्व आयुक्त श्रीकांत पृसेठ, जिलाधीश अक्षय सुनील अग्रवाल, जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुजाता रानी मिश्र, अतिरिक्त जिला चिकित्साधिकारी डा. भरत दास समेत जिला स्वास्थ्य विभाग, जिला जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हीराकुद पहुंचे और स्थिति का जायजा लेने समेत विभिन्न स्थानों से पानी का नमूना एकत्रित कर जांच के लिए भेजा है।
स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधीश को सौंपी रिपोर्ट
ऐसा बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलाधीश को सौंपे गए रिपोर्ट में बताया गया है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को ठीक से ट्रीट किए बगैर सप्लाई करने से ऐसा हुआ, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि हीराकुद में दशकों पुराने पाइपलाइन से पानी सप्लाई की जा रही है, जो जंग खा चुकी है और छेद हो जाने से बाहर का दूषित पानी अंदर चला जाता है।इसके अलावा, कई बार गली सड़कों की मरम्मत के दौरान भी पानी पाइप टूट फूट जाती है और इससे दूषित पानी अंदर चला जाता है। इस बारे में आरडीसी पृसेठ ने बताया है कि हाल के दिनों में हुई वर्षा भी इस डायरिया की वजह हो सकती है। पानी के लीकेज पाइप की मरम्मत शुरु कर दी गई है और स्थिति नियंत्रण में है।उधर, जिलाधीश अग्रवाल ने बताया है कि डायरिया के बारे में पता चलने के बाद मोबाइल हेल्थ यूनिट को काम पर लगाए जाने समेत इस बारे में लोगों को दूषित पानी का उपयोग नहीं करने के बारे में जागरुक किया जा रहा है।
जनस्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में तालमेल नहीं होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि दोनों रिपोर्ट की अलग अलग जांच की जा रही है और इसमें जनस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
संबलपुर जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुजाता रानी मिश्र ने बताया कि डायरिया से निपटने की हरसंभव कोशिश जारी है। लोगों से दूषित पानी का उपयोग नहीं करने और पानी में हेलोजेन की गोली मिलाकर उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
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