Odisha News: जमानत के बावजूद जेल में बंद हैं कैदी, ओडिशा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से किया जवाब तलब
फौजदारी मामलों में जमानत मिलने के बाद भी बेल बॉन्ड या अन्य शर्तों को पूरा ना कर पाने के कारण कैदी जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। हाईकोर्ट ने इसे इसे गम्भीरता से भी लिया है और सरकार को जवाब तलब किया है। सभी जिला कानून सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सचिव को लेकर एक सप्ताह के अंदर हाईकोर्ट ने ऑन लाइन बैठक करने को निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। फौजदारी मामले में जमानत मिलने के बावजूद बेल बॉन्ड या अन्य शर्तों को पूरा ना कर पाने के कार कैदी जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इसे हाईकोर्ट ने गम्भीरता से लिया है और सरकार को जवाब तलब किया है।
सभी जिला कानून सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सचिव को लेकर इस प्रसंग पर एक सप्ताह के अंदर ऑन लाइन बैठक करने को ओडिशा राज्य कानून सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट ने दिए ये निर्देश
अदालत के द्वारा निर्धारित जमानत शर्त पूरा करने में विफल होकर जेल में रहने वाले कैदियों के जेल से निकलने के प्रसंग में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को सख्ती से पालन करने को हाईकोर्ट ने निर्देश देने के साथ ही ऐसे कैदियों को जेल से निकालने पर जोर दिया है।अगली सुनवाई के समय जमानत पाने के बावजूद जेल से निकल ना पाने वाले कैदियों के बारे में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए राज्य कानून सेवा प्राधिकरण को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है।
एक सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह एवं जस्टिस एम.एस.रमण को लेकर गठित खंडपीठ ने कृष्ण प्रसाद साहू के आवेदन की सुनवाई कर यह निर्देश दिया है। एक सप्ताह के बाद मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की गई है।सुनवाई के समय आमिकेस क्यूरी एवं राज्य कानून सेवा प्राधिकरण की तरफ से पेश किए गए तथ्य में उल्लेख किया गया है कि अदालत द्वारा जमानत मंजूर किए जाने के बाद भी 444 कैदी जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे है।
जमानत के लिए निर्धारित शर्त को पूरा ना कर पाने से कई कैदी जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इसके अलावा कई कैदी ऐसे हैं जिनके नाम पर एकाधिक मामले हैं, ऐसे में सभी मामले में जमानत ना मिलने से वह जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।ये भी पढे़ं-Bihar Land Survey: बिहार में जमीन का डिजिटल सर्वे शुरू, एक क्लिक में मिलेगी सारी जानकारी; जानें कैसे
नमस्ते! मैं ईवीएम हूं... इन नौ पांइट में मुझे जानकर मन में नहीं रहेगा कोई सवाल
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।