इस दिन बीमार पड़ने वाले हैं महाप्रभु जगन्नाथ, फिर शुरू होगा उपचार; आखिरकार निकाली जाएगी विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा
Rath Yatra 2024 पुरी जगन्नाथ मंदिर की पर्व पंजिका प्रकाशित कर दी गई है जिसके मुताबिक 7 जुलाई को विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाएगी। इसके पहले 22 जून को महाप्रभु की स्नान यात्रा नीति सम्पन्न की जाएगी। इस दौरान प्रभु को 108 घड़ा सुगंधिंत जल से स्नान कराया जाएगा जिसके बाद वह बीमार पड़ जाएंगे। फिर उनका उपचार शुरू होगा।
संवाद सहयोगी, पुरी। Rath yatra 2024: पुरी जगन्नाथ मंदिर की पर्व पंजिका प्रकाशित कर दी गई है। इस पर्व पंजिका के मुताबिक, 22 जून को महाप्रभु की स्नान यात्रा नीति सम्पन्न की जाएगी। इस दिन महाप्रभु को 108 घड़ा सुगंधिंत जल से स्नान कराया जाएगा। स्नान के बाद प्रभु बीमार पड़ेंगे और फिर इसी दिन अणवसर (बुखार) गृह में चले जाएंगे, जहां पर महाप्रभु का उपचार किया जाएगा।
17 जुलाई को होगा महाप्रभु का दर्शन
महाप्रभु के स्वस्थ होने के बाद 7 जुलाई को विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाएगी। इस वर्ष रथयात्रा के दिन ही महाप्रभु का नेत्रोत्सव एवं ऊभा यात्रा सम्पन्न की जाएगी। उसी तरह से 15 जुलाई को बाहुड़ा (वापसी) यात्रा निकाली जाएगी।
लगभग हर वर्ष बाहुड़ा यात्रा के अगले दिन रथ के ऊपर महाप्रभु को सोने के वेश में सजाया जाता है। हालांकि, इस वर्ष इसमें बदलाव देखने को मिलेगा। अर्थात सिंहद्वार के सामने बाहुड़ा यात्रा के अगले दिन सोना वेश नहीं होगा, बल्कि दो दिन के बाद 17 जुलाई को भक्त रथ के ऊपर महाप्रभु के सोने के वेश में दर्शन करेंगे।
12 नवम्बर से शुरू हो रहा पंचुक
12 नवम्बर से चार दिन का पंचुक शुरू हो रहा है। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से जारी पर्व पंजिका से उपरोक्त जानकारी मिली है। यहां तक कि 2024-25 वर्ष के पर्व लिए भी पंजिका जारी की गई है। इसे सार्वजनिक करने के लिए मंदिर प्रशासन ने मंदिर की वेबसाइट में अपलोड करने का प्रशासन की तरफ से निर्णय लिया गया है।
साल 2024-25 के प्रमुख पर्व
वर्ष 2024-25 के प्रमुख पर्व में 14 अप्रैल को महाविषुव संक्रांति, 10 मई को अक्षय तृतीया एवं चंदन यात्रा, 22 मई को नृसिंह जन्म, 11 जुलाई को हेरापंचमी, 14 जुलाई को संध्या दर्शन, 18 जुलाई को अधरपणा, 19 जुलाई को महाप्रभु नीलाद्री बिजे करेंगे। उसी तरह से 4 अगस्त को चितालागी अमावस्या, 14 अगस्त को झुलण यात्रा 24 अगस्त को राहुरेखा लागी, 26 अगस्त को जन्माष्टमी, 27 अगस्त को नंदोत्सव, 28 अगस्त को वनभोजी वेश, 29 अगस्त को कालीय दलन, 3 सितम्बर को सातपुरी अमावस्या, 7 सितम्बर को गणेश चतुर्थी, 15 सितम्बर को वामन जन्म एवं सुनिया, 16 सितम्बर को बलिवामन वेश, 24 सितम्बर को 16 दिवसीय पूजा का शुभारंभ, 9 अक्टुबर को महासप्तमी, 10 अक्टुबर को महाष्टमी, 11 अक्टुबर महानवमी, 13 अक्टुबर को दशहरा, 14 अक्टुबर को महाप्रभु का राधा दामोदर वेश एवं बाल धूप, 17 अक्टूबर को कुमार पूर्णिमा, 1 नवम्बर को कुमार दीपावली अमावस्या, 15 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा एवं श्रीजीउ का राधाधिराज वेश, 30 नवम्बर को देव दीपावली, 16 दिसम्बर को धनु संक्रांति एवं श्रीमंदिर में पहिली भोग नीति शुरू होगी।उसी तरह से 13 जनवरी 2025 को देवाभिषेक अर्थात पुष्पाभिषेक पूर्णिमा, 14 को मकर संक्रांति, 1 फरवरी को पद्मवेश, 2 फरवरी को बसंत पंचमी एवं रथ की लकड़ी का पूजन, 12 फरवरी को गजउद्धारण वेश, 14 मार्च को दोल पूर्णिमा एवं महाप्रभु का राजराजेश्वर वेश अनुष्ठित होगा।