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Odisha News: चुनाव से पहले ओडिशा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 9 नक्सलियों ने किया सरेंडर

Odisha News पश्चिम ओडिशा के जिलों में सक्रिय केकेबीएन के नौ नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। इससे पहले मंगलवार को भी कंधमाल पुलिस के समक्ष समाय मड़काम ने सरेंडर किया था। इन नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए बऊद पुलिस की ओर से प्रोत्साहित किया गया था। इसके बाद इन नक्सलियों ने यह कदम उठाया।

By Kamal Kumar Biswas Edited By: Shashank Shekhar Updated: Wed, 08 May 2024 04:37 PM (IST)
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आईजी और एसपी के साथ सरेंडर करने वाले नक्सली (फोटो- जागरण)

संवाद सहयोगी, संबलपुर। बुधवार को पश्चिम ओडिशा के बऊद जिला समेत आसपास के जिलों में सक्रिय कंधमाल कालाहांडी बऊद नयागढ़ डिवीजन (केकेबीएन) के नौ नक्सलियों ने दक्षिणांचल पुलिस आईजी और बऊद एसपी के सामने सरेंडर कर दिया।

गौरतलब है कि मंगलवार को भी कंधमाल पुलिस के सामने एक कैडर नक्सली समाय मड़काम उर्फ नरेश उर्फ अमित उर्फ रुपेश ने सरेंडर किया था। सरेंडर करने वाले इन नक्सलियों ने बताया है कि नक्सली हिंसा छोड़कर यह सभी समाज के मुख्यधारा में शामिल होने और अमन चैन की जिंदगी बिताने की खातिर सरेंडर किया है।

आईजी जयनारायण पंकज ने क्या कहा

इस बारे में जानकारी देते हुए दक्षिणांचल पुलिस आईजी जयनारायण पंकज की ओर से बताया गया कि केकेबीएन डिवीजन से असंतुष्ट नक्सलियों के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद उन्हें सरेंडर करने के लिए बऊद जिला पुलिस अधीक्षक राज प्रसाद की ओर से प्रोत्साहित किया गया।

इसके बाद बुधवार को नौ नक्सलियों ने सरेंडर किया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में दो महिला और सात पुरुष शामिल हैं। यह सभी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिला फुलबाकड़ी थाना अंतर्गत मुलेर गांव के हैं।

सरेंडर करने वालों में ये शामिल

सरेंडर करने वालों में महिला नक्सली 20 वर्षीय योगी माडवी और 22 वर्षीय पोज्जो माडवी समेत 22 वर्षीय भीमा कादती, 25 वर्षीय भीमा बंजान, 30 वर्षीय बांदी बंजान, 30 वर्षीय अरमा रब, 29 वर्षीय मल्ला माडवी, 25 वर्षीय देवा कादती और 26 वर्षीय आयता माडवी शामिल हैं।

ज्योति वर्ष 2019 में नक्सली संगठन में शामिल हुई थी और केकेबीएन डिवीजन आठवीं कंपनी की कैडर नक्सली सीला उर्फ नागमणि उर्फ ललिता की अंगरक्षक थी, जबकि पोज्जा आठवीं कंपनी के कमांडर नक्सली विकेश उर्फ जगदीश के साथ काम करती थी।

सरेंडर करने वाले इन नक्सलियों ने बताया कि संगठन में महिला नक्सलियों का शोषण करने समेत निरीह लोगों पर अत्याचार, झूठे सपने दिखाकर युवाओं को बरगलाए जाने को देख उनका मोहभंग हुआ और उन्होंने सरेंडर किया। उन्होंने ओडिशा में हो रहे विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों से भी प्रभावित हुए।

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