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बलांगीर से कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता का ऐलान: नहीं लड़ूंगा 2024 का चुनाव, बेटे को बनाया अगला उम्‍मीदवार

ओडिशा में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और बलांगीर के विधायक नरसिंह मिश्र साल 2024 का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। उन्‍होंने पार्टी को भी अपना फैसला बता दिया है। उनका कहना है कि उनकी उम्र काफी हो चुकी है और उन्‍हें कई बीमारियां भी हैं। उन्‍होंने बलांगीर से अपने बेटे समरेंद्र मिश्र को पार्टी का उम्‍मीदवार बनाया है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 16 Oct 2023 05:18 PM (IST)
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और बलांगीर के विधायक नरसिंह मिश्र की फोटो।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और बलांगीर के विधायक नरसिंह मिश्र 2024 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह जानकारी खुद विधायक मिश्र ने ही मीडिया को दी है। उन्होंने कहा कि मैं 83 साल का हो गया हूं। मैं अब चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैं कई बीमारियों से पीड़ित हूं इसलिए मैंने मानसिक रूप से निश्चित कर लिया है मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।

मंत्री ने बेटे को बनाया बलांगीर से उम्‍मीदवार

उन्‍होंने आगे कहा, मैंने लोगों को 2024 में चुनाव नहीं लड़ने के लिए मना लिया है। लोग मुझे समझ चुके हैं। मैंने यह बात अपनी पार्टी को भी बता दी है। मुझे उम्मीद है कि पार्टी मेरी बात समझेगी।

उन्होंने कहा कि मेरे छोटे बेटे समरेंद्र मिश्र 2024 के चुनावों में बलांगीर से उम्मीदवार होंगे। कोई अन्य उम्मीदवार मेरे संज्ञान में नहीं आया है। भविष्य में कोई आएगा या नहीं मै नहीं कह सकता। मुझे उम्मीद है कि पार्टी मेरे बेटे को टिकट देगी इसलिए मैंने अपने बेटे के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया है।

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राजनीति में नरसिंह मिश्रा का लंबा रहा है सफर

वरिष्ठ विधायक नरसिंह मिश्र ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। वह 2004 से 2009 तक कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष थे। 1990 में वह लोइसिंगा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए और ओडिशा के कानून मंत्री बने।

नरसिंह मिश्र महज 18 साल से राजनीति में सक्रिय हो गए। मंत्री होने के बावजूद उन्होंने वकालत के पेशे को आगे बढ़ाना जारी रखा। वह उच्च न्यायालय में अभ्यास करके किसानों को मुफ्त धान दिलाने में कामयाब रहे।

बलांगीर में ही हुआ था जन्‍म

24 जनवरी, 2017 को नरसिंह मिश्र ने हाउस ऑफ बिजनेस एडवाइजरी कमेटी से इस्तीफा दे दिया। नरसिंह मिश्र का जन्म 23 दिसंबर, 1940 को बलांगीर जिले के छतमखाना गांव में हुआ था।

इनके पिता का नाम युधिष्ठिर मिश्र था। वह पेशे से एक वकील थे और उन्हें भारत की संविधान सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।

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