मानवता फिर शर्मसार: बाइक पर शव बांध 20 किमी. दूर घर पहुंचा युवक, नहीं मिली एंबुलेंस
अोडिशा में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है यहां एंबुलेंस न मिलने के कारण शव को बाइक पर बांधकर घर तक पहुंचाया गया।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Mon, 16 Sep 2019 01:47 PM (IST)
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओड़िशा में एक बार फिर बाइक पर शव बांधकर ले जाने की घटना को लेकर चर्चा हो रही है। यह दृश्य नवरंगपुर जिला के उमरकोट स्थित गोपबन्धु चौक पर देखा गया है। सूचना के मुताबिक राइघर ब्लाक कुडुमधरा गांव के बलि साआंत रविवार को झरिगां ब्लाक अन्तर्गत बंशीवंधा गांव में मौजूद अपने एक रिश्तेदार के घर गए थे। वहां पर अचानक उनकी तबियत खराब हो गई। इसके बाद 108 एम्बुलेंस को इस संदर्भ में सूचित करने का प्रयास किया गया मगर एम्बुलेंस से संपर्क नहीं हो सका। इसी बीच बलि साआंत की मौत हो गई।
इस संदर्भ में उनके परिवार वालों को सूचित किए जाने के बाद शाम को बाइक से उनका शव बंशीबंधा गांव पहुंचा। शव को ले जाने के लिए बोलरो गाड़ी मंगाने का प्रयास किया गया मगर रात अधिक हो जाने से बोलरी गाड़ी नहीं मिली। ऐसे में लगी साआंत ने स्थानीय लोगों की मदद से शव को बाइक के पीछे एक लकड़ी के पट्टे में बांधकर अपने गांव कुडुमधरा पहुंचा। करीबन 20 किमी. तक लकी साआंत अपने पिता के शव को इसी तरह से ले गया। हालांकि रात करीबन 11 बजे उमरकोट शहर में कुछ लोगों ने उसे शव को अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी, मगर उसने नहीं सुना और अपने घर लेकर चला गया। आज सुबह शव का पोस्टमार्टम करने के बाद शव को उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया है।
गरीबी के साथ मजबूरी भी कुछ कम नहीं, हो चुकी हैं कई घटनाएं
15 सितंबर 2019 : ओडिशा के कटक जिले के बांकी इलाके में एंबुलेंस के लिए दो हजार मांगने की जिद से मजदूर एक गरीब परिवार को अपने परिजन का शव ठेला रिक्शा पर लादकर ले जाना पड़ा।17 जून 2019 : ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के हेमगिर थाना अंतर्गत गोपालपुर के कर्पाबहाल में एक बेटे को मां का शव साइकिल पर लादकर चार किलोमीटर दूर छर्ला जंगल तक ले जाने को मजबूर होना पड़ा।
19 अक्टूबर 2018 : ओडिशा में चक्रवात से प्रभावित गजपति जिले में एक पिता को अपनी सात साल की बेटी का पोस्टमार्टम कराने के लिए शव कंधे पर रखकर आठ किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। 6 अक्टूबर 2018 : ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के लहुराडीपा में किराया नहीं होने के कारण एक बेटे को अपनी मां का शव ठेले पर लाद कर ले जाना पड़ा।8 अगस्त 2018 : ओडिशा के ढेंकानाल जिले में गरीब परिवार की शादीशुदा बेटियों को अपने पिता का शव सामान ढोने वाले मालवाही रिक्शा पर लाद कर ले जाना पड़ा।
7 जनवरी 2018 : ओडिशा के अनुगुल जिले में एक पिता को अपनी बेटी का शव कंधे पर लाद कर शहर से 15 किमी दूर गांव तक ले जाना पड़ा।11 जनवरी 2017 : ओडिशा के जाजपुर जिले में महाप्रयाण गाड़ी नहीं मिलने पर एक युवक को अपनी मां का शव कंधे पर लाद कर गांव तक जाना पड़ा था।8 सितंबर 2016 : ओडिशा के मलकानगिरी में बीच सड़क पर एंबुलेंस से शव उतार देने के कारण एक बाप को अपनी बेटी का शव गोद में लेकर गांव तक जाना पड़ा था।
25 अगस्त 2016 : ओडिशा के कालाहांडी जिले में दीना माझी को अपनी पत्नी का शव कंधे पर लाद कर 10 किमी तक जाना पड़ा। मुस्लिम युवकों ने कायम की मिसाल, वैदिक रीति से हिंदू अंकल का किया अंतिम संस्कारसफाई के बहाने डेढ़ लाख के गहने साफ, जानें कैसे बनाया ठगों ने बेवकूफ
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