आखिर क्यों सक्रिय राजनीति में नहीं आए पांडियन? जानें 5-टी और नवीन ओडिशा के चेयरमैन के रूप में कितना होगा वेतन
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी तथा फाइव टी सचिव वीके.पांडियन सोमवार को आईएएस कैडर से सेवानिवृत्ति ले ली है। उन्हें अब कैबिनेट मंत्री के पद पर 5-टी और नवीन ओडिशा के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इसकी आड़ में राज्य के सभी विभागों में उनका नियंत्रण सुपर मिनिस्टर के रूप में होगा।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 25 Oct 2023 11:13 AM (IST)
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। केन्द्रीय नियंत्रण से मुक्त होने के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वी.के.पांडियन अब राज्य शासन में नंबर दो की भूमिका में नजर आएंगे क्योंकि अनुभवी प्रशासक वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
अब सिर्फ मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे पांडियन
पांडियन सक्रिय राजनीति में शामिल हुए बिना राज्य सरकार के 'नंबर दो' के रूप में कार्य करेंगे। वह केवल मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे।
शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी औपचारिक अधिसूचना में यह संदेश प्राप्त हुआ है।
इतना ही नहीं, अखिल भारतीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद पांडियन पर केंद्र सरकार का नियंत्रण हट गया है और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विपक्ष से नौकरशाह का मुद्दा छीन लिया है।
सुपर मिनिस्टर जैसा होगा पांडियन का विभागों पर नियंत्रण
राज्य सरकार के 'नंबर दो' के रूप में मंत्रियों, मुख्य सचिव और डीजीपी से लेकर पूरे राज्य को उनके सामने पेश होना होगा।सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों 'फाइव-टी' और 'नवीन ओडिशा' के अध्यक्ष होने की आड़ में पांडियन का सभी विभागों पर सुपर मिनिस्टर जैसा नियंत्रण होगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।अब इतना होगा वीके पांडियन का वेतन
पांडियन अखिल भारतीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बावजूद प्रशासक के रूप में काम करना जारी रखेंगे। फर्क सिर्फ इतना है कि केंद्र सरकार का अब उन पर नियंत्रण नहीं रहेगा।कैबिनेट रैंक के मंत्री के रूप में वह अब सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करके पूरे राज्य को अपने सीधे नियंत्रण में रख सकेंगे। इसके लिए सरकार उन्हें कैबिनेट मंत्रियों की तरह अन्य लाभ सहित करीब 98 हजार रुपये वेतन देगी। यह भी पढ़ें: Odisha News: वीडियो कॉल रिसीव करते ही दिखी नग्न महिला, ब्लैकमेलर्स ने कुछ देर बाद डॉक्टर से कर दी यह डिमांडमुख्यमंत्री के अधीन रहेंगे पांडियन
बहरहाल, ऐसी चर्चा थी कि चुनावी वर्ष में सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की अनुमति मिलने के बाद पांडियन प्रत्यक्ष राजनीतिक भूमिका में होंगे। लेकिन पांडियन ने सक्रिय या प्रत्यक्ष राजनीति में शामिल हुए बिना हमेशा की तरह प्रशासक बने रहने का एक तरीका खोज लिया है।जहां उन पर किसी का कानूनी नियंत्रण नहीं होगा। वह सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करेंगे और उनके द्वारा किए जाने वाले हर प्रशासनिक और विकास कार्यों में केवल मुख्यमंत्री की मुहर लगेगी। यानी वह जो भी फैसला करेंगे, फाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होंगे, न कि उनके।Centre approves the voluntary retirement of IAS officer VK Pandian, who has been currently serving as private secretary to Odisha Chief Minister Naveen Patnaik. pic.twitter.com/XbjSosYmhT
— ANI (@ANI) October 23, 2023