Utkal Diwas: ओडिशा में उत्कल दिवस की धूम, आज ही के दिन भाषा के आधार पर हुआ था राज्य का गठन
Utkal Diwas 2024 ओडिशा में आज धूमधाम से उत्कल दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी सहित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने भी अपनी कलाकृति से वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी है। 1 अप्रैल को ही ओडिशा देश का पहला भाषा-आधारित राज्य बना। यह ओडिशा के इतिहास का एक अविस्मरणीय दिन है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। उत्कल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी है। वहीं पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने पुरी सी-बीच पर सुन्दर ढंग से बालुका कलाकृति बनाकर उत्कल की वीर सपूतों को याद करने के साथ ही अपनी कला के माध्यम से श्रद्धांजलि दी है। सुदर्शन पटनायक के इस कलाकृति को देखने के लिए पर्यटकों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है।
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ओडिशा के इतिहास का अविस्मरणीय दिन
जानकारी के मुताबिक, आज उत्कल दिवस है। 1 अप्रैल ओडिशा के इतिहास में एक अविस्मरणीय दिन है। यह हर उड़िया के लिए गर्व का दिन है। इस दिन ओडिशा देश का पहला भाषा-आधारित राज्य बना। हर साल उड़िया समुदाय के लोग 1 अप्रैल को उत्कल दिवस के रूप में मनाते हैं।
#WATCH | Bhubaneswar, Odisha: The capital city of Bhubaneswar is decked up on the occasion of Utkal Divas or Odisha Day on April 1st. (31.03) pic.twitter.com/cKbvLITIbH
यह है उत्कल दिवस का इतिहास
उत्कल गौरव मधुसूदन दास के द्वारा 1902 में गठित उत्कल सम्मेलनी ने स्वतंत्र ओडिशा प्रांत के गठन महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1903 में इसकी पहली सभा हुई, जिसमें 62 स्थाई सदस्य थे।
इसमें उत्कल गौरव मधुसूदन दास, उत्कलमणि गोपबंधु दास, महाराज कृष्णचन्द्र देव गजपति, भक्तकवि मधुसूदन राव,पंडित नीलकंठ दास, महाराज कृष्णचन्द्र गजपति, व्यासकपि फकीरमोहन सेनापति, कवि गंगाधर मेहर, भुवनानंद दास एवं कविवर राधानाथ राय प्रमुख शामिल थे। लंबी जद्दोज, प्रयत्नों और कड़ी मेहनत के बाद 88 साल पहले 1936 में आज ही के दिन ओडिशा का गठन हुआ था।
गौरतलब है कि 1568 में स्वतंत्र ओडिशा का सूर्य युद्ध में ओडिशा के अंतिम राजा मुकुंददेव की हार के साथ अस्त हो गया था।ओडिशा पर 1803 में अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था।इसके बाद ओडिशा के वीर सपूतों ने स्वतंत्र ओडिशा के सूर्योदय की संभावना पैदा की और 1 अप्रैल, 1936 को ओडिशा एक स्वतंत्र राज्य बन गया।
यह सब उत्कल वीर सपूतों संकल्प-संघर्ष के कारण संपन्न हुआ। इसी दिन ब्रिटिश सरकार ने भाषा के आधार पर अलग उत्कल प्रदेश के गठन को मंजूरी दी थी। तब से 1 अप्रैल को उत्कल दिवस के रूप में जाना जाता है।
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