समुद्र में फंसे 10 बांग्लादेशी मछुआरों को बचाया गया, नौ अभी भी लापता; सी-तरंग के प्रभाव से पलटी नाव
सी-तरंग तूफान (Sitarang) के प्रभाव से इन मछुआरों की नाव समुद्र में पलट गई थी। समुद्र के अंदर फंसे रहने वाले 10 बांग्लादेशी मछुआरों को बचाया गया है। नाव में कुल 19 मछुआरे थे। मछुआरे समुद्र में तैरते हुए किसी तरह से अपनी जान बचाने की कोशिश में लगे रहे।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। समुद्र के अंदर फंसे रहने वाले 10 बांग्लादेशी मछुआरों (Bangladeshi Fishermen) को बचाया गया है। ये मछुआरे तीन दिन और तीन रात समुद्र में तैरते हुए काशिया में किनारे पहुंचे जहां से भद्रक जिले के बासुदेवपुर इलाके के मछुआरों ने छुड़ाया है। सी-तरंग तूफान के प्रभाव से इन मछुआरों की नाव समुद्र में पलट गई थी। इसके बाद ये समुद्र में फंसे हुए थे।
इन मछुआरों से मिली जानकारी के मुताबिक चक्रवात के कारण उनकी नाव डूब गई थी। नाव में कुल 19 मछुआरे थे। 10 मछुआरे किसी तरह से जान बचाकर वासुदेवपुर मुहान पर पहुंचे जिन्हें बचा लिया गया है जबकि 9 मछुआरे अभी भी लापता हैं।
मछली पकड़कर लौट रहे थे बांग्लादेश
जानकारी के मुताबिक एक नाव के जरिए 18 अक्टूबर को ये मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए गए थे। 23 अक्टूबर को मछली पकड़कर ये बांग्लादेश लौट रहे थे कि समुद्र में आए तूफान में फंस गए। इनकी नाव तूफान में डूब गई। नाव पर सवार 19 लोगों ने समुद्र में तैरते हुए किसी तरह से अपनी जान बचाने की कोशिश में लगे रहे।
हालांकि, इनमें से 9 मछुआरे लापता हो गए हैं। 10 मछुआरे किसी तरह से एकजुट होकर समुद्र में तैर रहे थे। बुधवार दोपहर 1 बजे उन्हें धामरा व्हीलर दीप से मां गंगा (मछली पकड़ने वाली नाव) के जरिए समुद्र गए मछुआरों ने इन्हें और फिर इन्हें बचाकर अपनी नाम में बैठाया।
सभी मछुआरों की हालत गंभीर
समुद्र में फंसे बांग्लादेशी सभी मछुआरों की हालत बहुत ही गंभीर थी, इसलिए अपने पास मौजूद खाना और दवा खिलाकर इन्हें ठीक करने की कोशिश की। इसके बाद अपनी नाव के जरिए रात 8:20 बजे सभी को बासुदेवपुर के काशिया तट पर ले आए।