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Odisha Train Accident: अपनों के इंतजार में अभी भी एम्स अस्पताल में पड़े हैं 28 शव, पहचान के लिए नहीं आया कोई

Odisha Train Accident बीते 2 जून को ओडिशा के बालासोर के पास बाहानगा स्‍टेशन के पास हुए हादसे में मृत 28 लोगों के शव आज भी भुवनेश्‍वर एम्‍स में रखे हुए हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इन शवों को आज भी अपनों का इंतजार है। इनकी पहचान के लिए कोई भी नहीं आ रहा है। ऐसे में एम्‍स को सरकार के फैसले का इंतजार है।

By Arijita SenEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 04 Sep 2023 02:26 PM (IST)
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ओडिशा रेल हादसे के बाद दुर्घटनास्‍थल की भयावह तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha Train Accident: बहानगा ट्रेन हादसे को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। अभी भी 28 शव एम्स भुवनेश्वर में रखे हुए हैं। एम्स के अधिकारियों ने कहा कि पिछले 10 दिनों में एक भी व्यक्ति शव पहचान के लिए नहीं आए हैं। इन 28 शवों को आज भी अपनों का इंतजार है। 

सरकार के निर्णय के बाद सीबीआई को सौंपे जाएंगे शव

एम्स की तरफ से कहा गया है कि सीबीआई इफिसेल में जेनेटिक टेस्ट के बाद सभी शव सौंप दिए गए हैं। हम राज्य सरकार और केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।

चूंकि, सीबीआई मामले की जांच कर रही है इसलिए सरकार के निर्णय लेने के बाद हम शवों को सीबीआई को सौंप देंगे। पहले डीएनए जांच के लिए गई सैंपल रिपोर्ट आ गई है। 100 से 110 डीएनए टेस्ट किए गए हैं।

2 जून की वह भयावह शाम

गौरतलब है कि 2 जून, 2023 को ओडिशा के बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन की लूपलाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी को कोरोमंडल एक्सप्रेस ने पीछे से टक्कर मार दी।

जिसके बाद बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिरी दो डिब्बे, जो उसी समय डाउन लाइन (हावड़ा की ओर) से गुजर रहे थे, कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा कर पलट गए थे। इस हादसे में 297 यात्रियों की जान चली गई थी और एक हजार से अधिक लोग घायल हुए थे।

हिरासत में लिए गए ये तीन

रेल मंत्रालय ने हादसे की जांच सीबीआई को सौंपी है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्निशियन पप्पू कुमार को पहले सीआरपीसी की धारा 304 और 201 के तहत 7 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

जिन धाराओं के तहत उन्हें पकड़ा गया, वे सबूत नष्ट करने और गैर इरादतन हत्या से संबंधित हैं। ट्रिपल रेल हादसे की जांच में पुष्टि हुई थी कि सिग्नल और दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की गलती और लापरवाही के कारण 2 जून को दुखद और भयानक रेल दुर्घटना हुई थी।

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