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लालच बुरी बला: फार्म हाउस में मछली की दावत उड़ाने घुसा मगरमच्छ, गांववालों की नजर पड़ते ही आई शामत

फार्म हाउस के तालाब में मछली को तैरते देख गांववाले चौंक गए। तुरंत इसकी सूचना फार्म हाउस के मालिक और वन विभाग को दी गई। वन विभाग के कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों की सहायता से इस मगरमच्छ को तालाब से सुरक्षित बाहर निकाला। मगरमच्छ पूरी तरह सुरक्षित है और उसे उमरकोट वन विभाग के कार्यालय में रखा गया है। वह मछली खाने के लालच में फार्म हाउस में घुसा था।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 28 Jul 2023 10:24 AM (IST)
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मछली खाने के लालच में फार्म हाउस में घुसा मगरमच्‍छ।

संवाद सूत्र, संबलपुर। मछली खाने के लालच में एक व्यक्ति के फार्म हाउस स्थित तालाब में घुस आए एक मगरमच्छ को गुरुवार के दिन पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया गया है।

करीब पांच फुट लंबा और बारह किलो वजनी इस मगरमच्छ को वापस नवरंगपुर जिला के उमरकोट स्थित भास्केल बांध में छोड़े जाने पर विचार किया जा रहा है।

मछली खाने के लालच में फार्म हाउस में घुसा मगरमच्‍छ

घटना के बारे में जानकारी देते हुए नवरंगपुर जिला उमरकोट के वन विभाग के रेंजर अनूप सिंह पुजारी ने बताया है कि उमरकोट ब्लॉक अंतर्गत खड़क गांव में राजेश घोष का फार्म हाउस है।

उस फार्म हाउस में एक तालाब है, जहां मछली की खेती की जाती है। शायद मछली खाने के लालच में यह मगरमच्छ इस तालाब में घुस गया था।

इसी तालाब में गुरुवार के दिन एक मगरमच्छ को तैरते देख गांववालों ने वन विभाग को सूचित किया, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों की सहायता से इस मगरमच्छ को तालाब से सुरक्षित बाहर निकाला।

मगरमच्छ पूरी तरह सुरक्षित है और उसे उमरकोट वन विभाग के कार्यालय में रखा गया है। डीएफओ के निर्देश मिलने के बाद उसे अन्यत्र कहीं छोड़ा जाएगा।

केंद्रपाड़ा में मगरमच्‍छ का आतंक

लगभग एक महीने पहले ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले से एक खबर सामने आई थी, जिसमें मगरमच्‍छ के आतंक का जिक्र किया गया।

बताया गया था कि जिले में कई लोग मगरमच्‍छ की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। कभी मगरमच्‍छ ने तालाब किनारे शौच करने गए बुजुर्ग को पानी में खींचा, तो कभी बर्तन मांज महिला को अपना शिकार बनाया।

यहां मगरमच्‍छ ने एक 10 साल के मासूम को पानी में खींच लिया था। केंद्रपाड़ा में इंसान व मगरमच्‍छ के बीच संघर्ष की खबरें लगातार सामने आना वाकई में एक गहरी चिंता का विषय है। 

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