शिव भक्तों के लिए कावड़ी बनाने के एक्सपर्ट हैं मोहम्मद सरवर, कहते हैं- पुण्य का काम है, आशीर्वाद मिलेगा
Odisha News कटक में रहने वाले मुसलमान कारीगर मोहम्मद सरवर हिंदू भाइयों के लिए कावड़ी तैयार करने का काम सालों से कर रहे हैं। इसके जरिए वह लोगों को भाईचारे का एक अनोखा संदेश दे रहे हैं। सरवर का परिवार बिहार में रहता है जबकि वह यहां कटक में रहकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। उनका मानना है कि कावड़ी बनाना पुण्य का काम है।
20 सालों से कावड़ी बना रहे हैं मोहम्मद सरवर
सावन के महीने में कावड़ी की काफी मात्रा में जरूरत होने के कारण उसको पूरा करने के लिए सरवर दिन-रात एक कर काम करते हैं। इस साल जोड़ा सावन के चलते 2 महीने की कावड़ी यात्रा है। पिछले 20 सालों से कटक सीडीए इलाके में रहने वाले 42 वर्षीय महम्मद सरवर हर साल श्रद्धालुओं के लिए कावड़ी बनाते आ रहे हैं। सरवर रोज 2 से 3 सुंदर कावड़ी बना लेते हैं।काम की तलाश में बिहार से कटक आए थे सरवर
कावड़ी बनाने से मुझे मिलता है पुण्य: सरवर
सावन के महीने में सरवर के बेंत की कावड़ी की काफी मांग रहती है। डिमांड इतनी रहती है कि उन्हें कावड़ी के अलावा दूसरा काम करने का मौका ही नहीं मिलता है। हर एक कावड़ी की कीमत 350 रुपये से शुरू होकर 2 हजार रुपये तक रहता है। सरवर का परिवार बिहार में रहता है। सरवर के मुताबिक, इस काम से उनकी अच्छा कमाई हो जाती है और परिवार का गुजारा भी इसी से होता है, लेकिन फर्नीचर के काम में उतना तसल्ली व सुकून नहीं मिलता है, जितना कावड़ी बनाने के काम से उन्हे मिलता है। उन्हे इस कार्य से पुण्य भी मिलता है यह बात सरवर ने कही है।सावन के महीने में लोगों को मेरे हाथों से तैयार होने वाली कावड़ी को जत्थे में ले जाते देख मुझे काफी अच्छा लगता है। दूसरे संप्रदाय से होने के बावजूद किसी पुण्य काम में अपनी भागीदारी होने के कारण मुझे बहुत ही आनंद मिलता है इसलिए मैं पूरे ध्यान से ही कावड़ी बनाता हूं। यह सिर्फ कमाई के लिए नहीं कर रहा हूं, बल्कि इस काम को करते मुझे बहुत अच्छा लगता है। यह पुण्य का काम होने के कारण मुझे लगता है कि मुझे ईश्वर से आशीर्वाद भी मिल रहा है। इस काम से मैं बहुत खुश हूं और संतुष्ट भी हूं- मोहम्मद सरवर।