'पहले हस्ताक्षर में होगा माफ...', दिल्ली के बाद अब इस राज्य में बिजली बिल को लेकर बड़ा एलान
Odisha Free Electricity दिल्ली के बाद अब ओडिशा में भी बिजली बिल में छुट को लेकर बीजद की सरकार ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए वादा किया है। वीके पांडियन ने कहा कि पहले हस्ताक्षर में ही बिजली का बिल माफ किया जाएगा। दूसरे हस्ताक्षर में सभी को बीएसकेवाई और तीसरे हस्ताक्षर में मिशन शक्ति मां को भत्ता मिलेगा।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। केंद्रापड़ा में बीजद के स्टार प्रचारक वीके पांडियन ने चुनाव प्रचार करते भाषण की शुरुआत से ही विपक्ष पर निशाना साधा। एक जनसभा को संबोधित करते हुए पांडियन ने कहा कि लोगों के ऐसे जनसमंदर को देखकर विपक्ष की नींद उड़ गई है। विपक्ष बाहर से कितने भी मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, नेता लाकर प्रचार करे, केंद्रापड़ा में कोई असर नहीं होगा।
पांडियन ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जब जापान में निप्पॉन स्टील के प्रमुख से मिलने गए थे तो केंद्रापड़ा के बारे में चर्चा की थी। क्योंकि नवीन पटनायक केंद्रापड़ा को लेकर बहुत दुखी था। उन्होंने 10 साल तक एक सांसद बनाया, लेकिन सांसद ने केंद्रापड़ा के लिए कुछ नहीं किया। न तो वह निवेश ला सके और न ही उद्योग। केंद्रापड़ा को विकसित करने के बजाय, उन्होंने अपनी कंपनी के लिए काम किया।
पांडियन ने आगे कहा कि उन्होंने अपना और अपनी कंपनी का विकास किया। सांसद ने केंद्रपाड़ा और लोगों को धोखा दिया। इसलिए नवीन ने दुनिया के सबसे बड़े स्टील प्लांट को केंद्रपाड़ा लाने का फैसला किया, जहां लाखों करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
बिना नाम लिए बैजयंत पांडा पर साधा निशाना
बैजयंत का नाम लिए बिना पांडियन ने कहा कि केंद्रापड़ा के लोगों के आशीर्वाद से नवीन ने उन्हें दो बार सांसद के रूप में भेजा था। गुगल सर्च से यह भी पता चलेगा कि उनके सांसद बनने से पहले उनकी पारिवारिक कंपनी की स्थिति क्या थी और सांसद रहने के 10 साल बाद उनकी पारिवारिक कंपनी को कैसे फायदा हुआ। वह अपनी कंपनी के लिए रेलवे लाए, लेकिन केंद्रापड़ा के लोगों के लिए रेलवे लाना भूल गए।
उन्होंने कहा कि 2014 में बैजयंत ने संसद की वित्त समिति का अध्यक्ष बनने की कोशिश की थी, लेकिन इससे पहले जब वह वित्त समिति के सदस्य थे तब उन्होंने अपनी कंपनी के लिए कर्ज माफ कर दिया था।कोई सोच भी नहीं सकता कि अगर वह वित्त समिति के अध्यक्ष बन जाते तो वह अपने फायदे के लिए क्या करते।
पांडियन ने यह भी कहा कि इसलिए नवीन पटनायक ने उन्हें वित्त समिति का अध्यक्ष बनने का मौका नहीं दिया ताकि ओडिशा, केंद्रापड़ा और बीजद को बदनाम न किया जा सके। इसके बाद से ही उन्होंने मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में गलत सूचना और अफवाहें फैलानी शुरू कर दीं। केंद्रापड़ा के सांसद मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में केंद्रीय मंत्री को गुमराह भी कर रहे थे।
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