सत्ता जाने के बाद अब पूर्व सीएम नवीन पटनायक से मिलने नहीं जाते हैं बाहर से आने वाले बड़े नेता- सजन शर्मा
पूर्व उप-राष्ट्रपति के राजभवन में ठहरने को लेकर राजनीति निंदनीय है।ओडिशा में 24 वर्ष बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है और यह परिवर्तन प्रदेश की जनता ने उसके कुशासन एवं भ्रष्टाचार से तंग आकर किया है। ऐसे में बीजू जनता दल बेवजह संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।बीजद आज भी अपने पुराने ढर्रे से बाहर नहीं निकली है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। झारखंड चुनाव के लिए ओडिशा राजभवन को भाजपा का वाररूम बनाए जाने संबंधित बीजद द्वारा लगाए गए आरोप का ओडिशा भाजपा ने कड़े शब्दों में निंदा किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा प्रवक्ता सजन शर्मा ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा है कि सत्ता जाने के बाद बाहर से आने वाला कोई नेता अब नवीन बाबू से मिलने नहीं जाता है।
चुंकि नवीन बाबू ने नवीन निवास को ही मुख्यमंत्री निवास बना लिया था।पहले अफसर उनके घर जाते थे।अब वे भी उनसे मिलने नहीं जाते हैं,इसकी उन्हें तकलीफ है और बीजद नेता इससे बौखलाए हुए हैं।हालांकि उन्हें समझना चाहिए कि अगर आज ओडिशा के राजभवन में देश के प्रतिष्ठित लोग आ रहे हैं तो यह ओडिशा राजभवन एवं पूरे ओडिशा का सम्मान है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व उप-राष्ट्रपति के राजभवन में ठहरने को लेकर राजनीति निंदनीय है।ओडिशा में 24 वर्ष बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है और यह परिवर्तन प्रदेश की जनता ने उसके कुशासन एवं भ्रष्टाचार से तंग आकर किया है। ऐसे में बीजू जनता दल बेवजह संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।बीजद आज भी अपने पुराने ढर्रे से बाहर नहीं निकली है।
प्रदेश में आफिसर राज खत्म हो गया है और जनता द्वारा चुनी हुई सरकार चल रही है। सरकार के मुखिया खुद जनता दरबार लगा रहे हैं और जन प्रतिनिधि लोगों के बीच जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।बीजद के नेताओं को यह बात जितनी जल्दी समझ में आ जाएगी, यह उनके लिए एवं उनकी पार्टी के लिए बेहतर होगा।
वहीं भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा एवं पूर्व उप राष्ट्रपति वैंकेया नाइडू से मुलाकात एवं पूर्व उप राष्ट्रपति के राजभवन में ठहरने को लेकर बीजद राजनीति कर रही है क्योंकि उसके पास अब कोई मुद्दा नहीं है।वह राजभवन को राजनीति में घसीट रही है।पूर्व उप-राष्ट्रपति राजभवन में रूके थे तो उनसे मिलने क्या मुख्यमंत्री राजभवन नहीं जा सकते हैं।
बीजद के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह बेवजह का मुद्दा लाकर राजनीति कर रही है।बिस्वाल ने कहा कि एशियन बिजनेस स्कूल आफ बिजनेस मैनेजमेंट (एएसबीएम) के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति आए थे।इसी दिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी आए थे और राजभवन में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से मुलाकात हुई थी।
गौरतलब है कि इन तीनों नेताओं के एक साथ मिलने को लेकर बीजद ने राज्यपाल पर ही निशाना साधा है।बीजद ने ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ओडिशा राजभवन को झारखंड चुनावों की तैयारी के लिए युद्ध कक्ष में बदल दिया है।बीजद के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्र और सुलता देव ने कहा कि राज्यपाल झारखंड में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और राजभवन अब एक राजनीतिक केंद्र बन गया है।
सांसद सस्मित पात्र ने भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके लिए वे राजभवन की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। शीर्ष भाजपा नेताओं की राजभवन में हुई मुलाकातें व्यक्तिगत थीं या राजनीतिक, इसे भी स्पष्ट किया जाना चाहिए और मेरा आखिरी सवाल यह है कि मुख्यमंत्री मोहन माझी, जिन्होंने कहा था कि कानून अपना काम करेगा, राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कार्रवाई कब करेंगे?राजनीति में राजभवन का ना घसीटा जाए
भाजपा के राज्य अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा है कि राजनीति के लिए बड़ा मैदान है। राजभवन को उसके अंदर ना घसीटा जाए। झारखंड चुनाव के लिए ओडिशा राजभवन को भाजपा का वाररूम बनाए जाने संबंधित बीजद द्वारा लगाए गए आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा राज्य अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति के लिए खुला हृदय चाहिए। संकीर्णता से ऊपर उठकर राजनीति होनी चाहिए।
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