Odisha में माझी सरकार आने के बाद इस अस्पताल का होगा कायाकल्प! पिछले कई सालों से अटका हुआ है काम
भुवनेश्वर एम्स में नए विभाग खोलने से लेकर पुराने विभागों के विस्तार होना है और पिछले कई सालों से इसका निर्माण कार्य नहीं हो पाया है। मरीजों की संख्या के मामले में भुवनेश्वर एम्स दिल्ली एम्स के बाद देश में दूसरे नंबर पर आता है और इस कारण यहां नए विभाग का निर्माण और पुराने विभागों का विस्तार होना है जो कि कई सालों से अटका हुआ है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। देश भर के 24 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में से एम्स भुवनेश्वर, एम्स दिल्ली के बाद मरीजों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है।
अस्पताल की स्थापना मरीजों की बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। हालांकि नए विभाग खोलने से लेकर पुराने विभाग के विस्तार तक हर काम में जमीन की कमी यहां मुख्य समस्या बन गई है।कुल 100 एकड़ जमीन प्रदान करने के लिए पिछली राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था, मगर अभी तक यह जमीन नहीं मिलने से समस्या जस की तस बनी हुई है।
नए एम्स मिलने की है उम्मीद
हालांकि प्रदेश में सरकार बदल गई है और नई सरकार से एम्स को जल्द जमीन मिलने की उम्मीद है। इस संदर्भ में एम्स के अधिकारियों ने नए सीएम से मुलाकात की है और नए सीएम ने इस समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया है।भुवनेश्वर एम्स के अधीक्षक डॉ. दिलीप परिड़ा ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा है कि वर्तमान समय में 92 एकड़ जमीन में एम्स भुवनेश्वर अस्पताल भवन, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, बर्न सेंटर, ट्रॉमा सेंटर बने हैं।
ओपीडी के साथ 1,350 बिस्तरों वाले एम्स अस्पताल में 4,500 से 5,000 मरीज, रिश्तेदारों के साथ 4,500 कर्मचारी, 1,100 छात्र हर दिन यहां आवागमन कर रहे हैं।
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