Odisha News: गांव तक नहीं पहुंची एंबुलेंस, खाट पर लादकर प्रसूता को 3 KM ले गए स्वजन
ओडिशा में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़कें नहीं हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कोरापुट जिले के दशमंतपुर प्रखंड के गादियागुड़ा पंचायत अन्तर्गत डुमुरीगुड़ा गांव में सड़क न होने के चलते एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई। तीन किमी. तक खाट पर लादकर लाई गई प्रसव पीड़िता।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार नित नए-नए विकास के दावे कर रही है। विज्ञापन एवं होर्डिंग के माध्यम से विकास की बखान करते नहीं थकती है। हालांकि, प्रदेश के आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां के लोग बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, पानी से वंचित हैं। कहीं पानी के लिए लोगों को झरना एवं कुआं व तालाब पर निर्भर रहना पड़ रहा, तो कहीं पर सड़क का निर्माण ना होने से लोग मरीज को खाट एवं स्ट्रेचर पर लेकर जाने को मजबूर हैं।
गांव से तीन किलोमीटर दूर खड़ी रही एम्बुलेंस
मातृशक्ति की सुरक्षा के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखीं हैं, बावजूद इसके बुनियादी सुविधाओं का विकास ना होने से जननी प्रताड़ना जैसी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। ऐसी ही एक घटना ओडिशा के कोरापुट जिले के दशमंतपुर प्रखंड के गादियागुड़ा पंचायत अन्तर्गत डुमुरीगुड़ा गांव में देखने को मिली है।यहां एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई, तो परिवार के सदस्यों ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया। फोन काॅल मिलने के बाद महिला को लेने के लिए आई एम्बुलेंस को गांव से तीन किमी. पहले ही तमिल स्क्वायर पर रुकना पड़ा क्योंकि इसके आगे गांव में जाने का रास्ता नहीं था।
खाट पर लादकर महिला को एम्बुलेंस तक लाया गया
गांव से तीन किमी. दूर तमिल चौक पर एम्बुलेंस खड़ी रही और गर्भवती महिला को खाट के ऊपर लादकर एम्बुलेंस तक लाया गया। इसके बाद महिला को पोड़ागोड सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया, जहां पर महिला का इलाज किया जा रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि इस संदर्भ में कई बार स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं प्रशासन से शिकायत की जा चुकी है, मगर कोई लाभ नहीं हुआ है।
एम्बुलेंस कर्मचारी ने पेश की मानवीयता की मिसाल
वहीं इस घटना में एम्बुलेंस कर्मचारी एवं चालक ने मानवीयता की अनूठी मिशाल पेश की है, जिसकी स्थानीय लोग अब प्रशंसा कर रहे हैं। एम्बुलेंस के चालक और कर्मचारी ने महिला को एम्बुलेंस में लाने के लिए पैदल ही गांव गए।एम्बुलेंस के कर्मचारी उक्त पीड़ित महिला को परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एम्बुलेंस तक एक खाट पर ले आए। इसके बाद महिला को पोडागडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
एम्बुलेंस कर्मचारियों द्वारा दिखाई गई दरियादिली पर गर्भवती महिला के परिवार के सदस्य एवं ग्रामीणों खुशी जाहिर की है और उनके इस तरह के व्यवहार के लिए प्रशंसा की।यहां उल्लेखनीय है कि ओडिशा में कभी रास्ता ना होने तो कभी समय पर एम्बुलेंस की सुविधा ना मिलने के चलते लोगों को खाट या स्ट्रेचर पर मरीज या शव को लाते ले जाते देखा जा सकता है।खासकर दूर दराज जिलों में कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र है जहां आज भी आवागमन, पेयजल जैसी मौलिक सुविधा नहीं हो पायी है, जिससे लोगों को नाना प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
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