गठबंधन की अटकलों के बीच आई बड़ी खबर: BJD में शामिल हुए BJP के वरिष्ठ नेता विजय महापात्र के बेटे अरविंद महापात्र
ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन को लेका चर्चाएं जोरों पर है। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्र के बेटे अरविंद महापात्र बीजद में शामिल हो गए। अरविंद ने भुवनेश्वर नवीन निवास में पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक से मुलाकात कर बीजद की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि पाटकुरा की सेवा के लिए उन्हें एक मंच चाहिए था।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में गुरुवार को एक और बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। भाजपा एवं बीजद के बीच गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्र के बेटे अरविंद महापात्र बीजू जनता दल में शामिल हो गए।
बीजद में शामिल हुए अरविंद
अरविंद ने भुवनेश्वर नवीन निवास में पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक से मुलाकात कर बीजद की सदस्यता ग्रहण की।
बीजद में शामिल होने के बाद अरविंद महापात्र ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मैं 2019 से पाटकुरा के लोगों की सेवा कर रहा हूं। मुझे लगा कि मुझे एक ऐसे मंच की जरूरत है, जहां से मैं क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकूं। मैंने पाटकुरा के मतदाताओं से चर्चा की थी और यह फैसला लेने से पहले अपने पिता का आशीर्वाद लिया है।
बीजू पटनायक के करीबी रह चुके हैं अरविंद के पिता
उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे बीजद के साथ लोगों की सेवा करने का अवसर दिया। मुझे उम्मीद है कि पाटकुरा के विकास को एक पायदान ऊपर ले जाऊंगा।
यहां यह उल्लेख करना उचित है कि केंद्रपाड़ा में पाटकुरा विधानसभा क्षेत्र उनके पिता विजय महापात्र का राजनीतिक गृह क्षेत्र है। विजय महापात्र को ओडिशा की राजनीति में दिग्गज नेता माना जाता है। वह बीजू जनता दल (बीजद) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और दिवंगत सीएम बीजू पटनायक के काफी करीबी रह चुके है।
सुपर मुख्यमंत्री विजय महापात्र
बीजू पटनायक के समय में वह इतने शक्तिशाली थे कि उन्हें सुपर मुख्यमंत्री कहा जाने लगा था। हालांकि बीजू पटनायक के बाद बीजद में उनकी साख गिर गई। 2000 में विजय महापात्र को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया।उन्हें पाटकुरा से टिकट नहीं दिया गया।
2004 में ओडिशा गण परिषद के उम्मीदवार के रूप में विजय महापात्र ने पाटकुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा मगर वह अतनु सब्यसाची से हार गए। इसके बाद लगातार तीन चुनाव 2009, 2014, 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
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