Aska Lok Sabha Election Result 2024: अस्का लोकसभा सीट पर BJP उम्मीदवार ने लहराया परचम, इतने वोटों से मिली जीत
Aska Lok Sabha Election Result 2024 ओडिशा की अस्का लोकसभा सीट का चुनाव का परिणाम जारी हो गए हैं। ऐसे में लोगों को इस सीट के नतीजों का इंतजार है। अस्का लोकसभा सीट ओडिशा की कुल 21 लोकसभा सीटों में से एक है। इस सीट पर 7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में खड़े हुए। अस्का लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती खत्म हो चुकी है।
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। Aska Lok Sabha Election Result 2024 अस्का लोकसभा सीट का चुनावी परिणाम जारी हो चुका है और यहां पर भाजपा की अनीता सुभादर्शिनी को 494226 वोटों के साथ जीत हासिल हुई।
वहीं बीजद की रंजिता साहू 394252 वोट के साथ दूसरे नंबर पर हैं। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के देवकांता शर्मा को 75255 वोट मिले हैं।
पिछले यानी साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजू जनता दल के प्रमिला बिशोई ने बाजी मारी थी। इनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के अनीता शुभदर्शिनी थे।
साल 2014 में आस्का लोकसभा क्षेत्र से बीजेडी के लडू किशोर स्वैन को यहां से सांसद चुना गया था और उन्हें 541473 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीलोकनाथ राथा को 311997 वोटों से हराया औ ये उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे।
अस्का लोकसभा सीट से 2024 में इन 7 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा
संजय कुमार बिशोई- (अखिल भारत हिंदू महासभा)
ब्रुंडबाना नाहक- (बहुजन समाज पार्टी)
पिताबास साहू- (सनातन संस्कृति रक्षा दल)
रंजीता साहू- (बीजू जनता दल)
देवकांता शर्मा- (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
अनीता सुभादर्शिनी- (भारतीय जनता पार्टी)
पपुनु साहू- (सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया-कम्युनिस्ट)
आस्का लोकसभा सीट पर 2019 से 1957 तक इनका रहा प्रतिनिधित्व
प्रमिला बिसोई- बीजद (2019)
प्रमिला बिसोई- बीजद (2014)
नित्यानंद प्रधान- बीजद (2009
हरि हर स्वेन- बीजद (2004)
नवीन पटनायक- बीजद (1999)
नवीन पटनायक- बीजद (1998)
नवीन पटनायक- बीजद (1996)
रामचंद्र रथ- कांग्रेस (1991)
अनंत नारायण सिंह देव- कांग्रेस (1989)
सोमनाथ रथ- कांग्रेस (1984)
रामचंद्र रथ- कांग्रेस (1980)
रामचंद्र रथ- कांग्रेस (1977)
रामचंद्र रथ- कांग्रेस (1971)
रामचंद्र रथ- कांग्रेस (1957)
अस्का लोकसभा सीट का इतिहास
ओडिशा के 21 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक आसिका लोकसभा क्षेत्र भी है और यह लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 में देश में हुए पहले संसदीय चुनाव में शामिल नहीं थी। साल 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान इसका लोकसभा सीट का गठन किया गया। 1996 से 2019 तक इस सीट पर बीजद का कब्जा रहा है।
1957 से लेकर 1991 तक इस सीट पर कांग्रेस ने राज किया। यह संसदीय क्षेत्र असिका बदनाडी नदी और पवित्र नदी रशिकुलिया के बीच बसा है। इस कारण यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य भी खूब निखरी हुई है।