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बालेश्वर के डॉक्टर सीतांशु शेखर दास को चिकित्सा के क्षेत्र में मिला राज्य का सर्वोच्च पुरस्कार

एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (APICON) की ओर से देश के विभिन्न राज्यों में चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों को सम्मानित किया जाता है। उड़ीसा में आयोजित 44वें पुरष्कार समारोह में APICON द्वारा डॉक्टर सीतांशु शेखर दास को यह पुरष्कार दिया गया। राज्य का सर्वोच्च पुरष्कार मिलने के बाद डॉ. दास ने एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के प्रति आभार व्यक्त किया है।

By Jagran News Edited By: Divya Agnihotri Updated: Fri, 15 Nov 2024 03:34 PM (IST)
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डॉक्टर सीतांशु शेखर दास को APICON ने किया सम्मानित
जागरण संवाददाता, बालेश्वर। अखिल भारतीय स्तर के डॉक्टरों के संगठन कहे जाने वाले एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (APICON) की ओर से उड़ीसा में प्रतिवर्ष एक वरिष्ठ चिकित्सक को उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इस बार बालेश्वर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर सीतांशु शेखर दास को राज्य के इस सर्वोच्च पुरष्कार के नवाजा गया है।

एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें डॉक्टरों को प्रतिवर्ष उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया जाता है।

उड़ीसा में हुआ 44वें पुरस्कार समारोह का आयोजन

हर साल की तरह इस साल भी उड़ीसा में इस पुरस्कार से जुड़े 44 वें पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इसमें बालेश्वर के जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर सीतांशु शेखर दास को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

बालेश्वर के लोगों में खुशी का माहौल

डॉ.दास को इस तरह का पुरस्कार मिलने से बालेश्वर के लोगों में खुशी का माहौल देखा गया। चिकित्सा से जुड़े लोग हो, शिक्षाविद्, समाजसेवी या राजनेता सभी ने डॉक्टर सीतांशु शेखर दास को इस पुरस्कार के मिलने पर खुशी जाहिर की।

रिटायर होने के बाद भी जारी रखी सेवा

जागरण से बात करते हुए डॉक्टर सीतांशु शेखर दास ने कहा कि मैं 82 वर्ष के उम्र को मैं पार कर चुका हूं, लेकिन आज भी लोगों को मैं सेवा प्रदान करता हूं। जब मैं सरकारी डॉक्टर के तौर पर राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात था तब भी मैं आम जनता की सेवा करता था। आज रिटायर होने के बाद भी मेरा सेवा कार्य जारी है। मैंने कभी किसी मरीज से सेवा के बदले कोई रकम या पैसे की मांग नहीं की। आज भी जो लोग मर्जी से जो दे देते हैं मैं उसे कबूल कर लेता हूं।

घरेलू चिकित्सा से फायदा

डॉ. दास ने बताया कि समय के साथ चिकित्सा की शैली बदल रही है। लोगों को चाहिए कि वह खुद स्वस्थ रहे। इसके साथ ही अपना और अपने परिवार, पास-पड़ोस के रहने वाले लोगों को स्वस्थ रखें। इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी आम लोगों काी बनती है। यदि आम लोग सचेतन हो जाएं तो सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार इत्यादि जैसी बीमारियों से उन्हें घरेलू चिकित्सा से ही छुटकारा मिल सकता है

राज्य स्तरीय गायक भी हैं डॉक्टर सीतांशु

यहां उल्लेखनीय है कि डॉक्टर सीतांशु शेखर दास को एक राज्य स्तरीय गायक के तौर पर भी जाना जाता है। इनके गाने के कई सीडी और कैसेट आज भी बाज़ार में उपलब्ध हैं। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में जुड़ा राज्य स्तरीय पुरस्कार मिलने पर खुशी जाहिर की है। इसके साथ ही एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के प्रति भी उन्होंने आभार व्यक्त किया है।

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