Odisha News : ओडिशा का बरगढ़ चीनी मिल बंद, MD की रिपोर्ट पर सरकार का फैसला; जानिए क्यों उठाया गया यह कदम
ओडिशा सरकार ने बरगढ़ चीनी मिल बंद करने का फैसला लिया है। इसे लेकर सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। मिल को बंद करने का निर्णय प्रबंध निदेशक द्वारा जारी रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। रिपोर्ट में यह कहा गया कि मिल 2016-17 से बंद है। वहीं इससे कारोबार की भी उम्मीद बहुत कम है। विस्तार से पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
By Rajesh SahuEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 18 Oct 2023 05:04 PM (IST)
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा में बरगढ़ सहकारी चीनी मिलों के पुनरुद्धार के लिए पश्चिमी ओडिशा के नेताओं की मांग के बीच सरकार ने कारखाने को बंद करने का फैसला किया है। यह कारखाना 2016-17 से निष्क्रीय था।
चीनी मिल को बंद करने का फैसला इसके प्रबंध निदेशक द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था, जिसमें कहा गया था कि मिल 2016-17 से बंद पड़ी है और कारोबार की बहुत कम उम्मीद है।
ओडिशा सहकारी समिति अधिनियम, 1962 की धारा 72 के तहत सहकारी समितियां, ओडिशा के रजिस्ट्रार, उद्धबा चंद्र माझी ने 16 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से चीनी मिल के समापन के लिए आदेश जारी किया।
उद्धबा चंद्र माझी ने कहा कि 2022-23 की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, चीनी मिल कोई व्यवसाय करके सहकारी समितियों के उद्देश्य को पूरा नहीं कर रही है। 31 मार्च 2023 तक मिल का कुल घाटा बढ़कर 72.59 करोड़ रुपये हो गया है।
'कंपनी के शेयर पूंजी भी सुरक्षित नहीं है।'
उन्होंने कहा कि चीनी मिल ने अपनी पूंजी के साथ-साथ उधारी भी कम कर ली है और शेयर पूंजी भी सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा 20 अगस्त 1989 के बाद कारखाने की वार्षिक आम सभा की एक भी बैठक आयोजित नहीं की गई है, जो ओसीएस अधिनियम के वैधानिक प्रावधान का उल्लंघन है।माझी ने कहा कि इस साल 9 मई को चीनी मिल के प्रबंध निदेशक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसमें यह बताने को कहा गया था कि नोटिस के एक महीने में कारखाने को बंद क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
इसके बाद प्रबंध निदेशक ने रिपोर्ट में कहा कि इसके पुनरुद्धार की उम्मीद कम है। माझी ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, बरगढ़, लालत कुमार लुहा को चीनी मिल का परिसमापक नियुक्त किया है।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।चीनी मिल के पुनरुद्धार का प्रयास किया गया था
जानकारी के मुताबिक, सरकार ने अध्ययन के लिए केंद्रीय चीनी संस्थान, कानपुर के दो विशेषज्ञों को शामिल करके चीनी मिल के पुनरुद्धार का प्रयास किया था। विशेषज्ञों ने मिल के पुनरुद्धार के लिए 22 करोड़ रुपये के योजना परिव्यय के साथ एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की है। हालांकि, रिपोर्ट लागू नहीं की गई थी।बरगढ़ से भाजपा सांसद सुरेश पुजारी ने भी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर चीनी मिल के पुनरुद्धार के लिए 2015 में सोहेला में एक सार्वजनिक बैठक में किए गए उनके वादे की याद दिलाई है। भाजपा नेता ने इस उद्देश्य के लिए मुख्यमंत्री से 11 करोड़ रुपये के अनुदान का अनुरोध किया था। यह भी पढ़ें: Odisha News: भिखारी मुक्त बनने जा रहा राजधानी भुवनेश्वर, सड़क पर दिखने मात्र से उठाकर ले जाएगी BMC यह भी पढ़ें: Odisha News: CM पटनायक ने 7579 आंगनवाड़ी केंद्रों को दी बड़ी सौगात, अपग्रेड कर मिलेगी ये सुविधाएंयह भी पढ़ें: बिहार में इंसानों की जातीय गणना के बाद अब जानवरों की बारी, ओडिशा के सिमलीपाल में होगी बाघों की गिनती, तैयारी हुई पूरी