Odisha: गंजाम में बीजू पटनायक का पैतृक घर उपेक्षा का शिकार, जन्मभूमि का जीर्णोद्धार न होने पर ग्रामीण दुखी
ओडिशा में ऐसे समय में जब पूरा राज्य रविवार को महान नेता बीजू पटनायक का जन्मदिन मना रहा है वहीं गंजाम के भंजनगर के पास घुमूसर नुआगांव में उनका पैतृक घर जीर्ण-शीर्ण और उपेक्षित पड़ा हुआ है। जिस घर में बीजू पटनायक का जन्म हुआ था उसकी हालत दयनीय है।
By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Sun, 05 Mar 2023 10:42 PM (IST)
अनुगुल/भुवनेश्वर, संतोष कुमार पांडेय। ओडिशा में ऐसे समय में जब पूरा राज्य रविवार को महान नेता बीजू पटनायक का जन्मदिन मना रहा है, वहीं गंजाम के भंजनगर के पास घुमूसर नुआगांव में उनका पैतृक घर जीर्ण-शीर्ण और उपेक्षित पड़ा हुआ है।
दीवारों की दरार में पेड़ों ने जमाई जड़ें
घुमूसर नुआगांव गांव के जिस घर में बीजू पटनायक का जन्म हुआ था, उसकी हालत दयनीय है। जहां दीवारों में दरारें आ गई हैं, वहीं इन दरारों में पेड़ों ने अपनी जड़ें जमा ली हैं। जबकि जंगली पौधों और झाड़ियों ने परित्यक्त घर को घेर लिया है। एस्बेस्टस की छत कई स्थानों से टूट गई है। चौखट से लटके दरवाजे अपने जीर्णोद्धार के लिये टकटकी लगाए बैठे हैं।
यह घर न केवल उन दिनों का मूक दर्शक बना हुआ है जब बीजू पटनायक ने यहां अपने दिन बिताए थे, इसमें अभी भी उनके द्वारा उपयोग किए गए कुछ सामान हैं, जिनमें एक बेंत की कुर्सी उनमें से एक है।
ग्रामीणों ने घर को संग्रहालय में बदलने की रखी मांग
उपेक्षित पड़ी बीजू पटनायक की जन्मभूमि के लिए दुखी होते हुए भी ग्रामीण रविवार को उनका जन्मदिन मनाना नहीं भूले। उन्होंने मांग की कि प्रशासन गांव में बीजू पटनायक की एक मूर्ति स्थापित करे और आवश्यक मरम्मत कार्य करके घर को संग्रहालय में बदल दे।
बीजू पटनायक के भतीजे प्रमोद पटनायक ने कहा कि इलाके में, जगह को बीजू बाबू के पैतृक स्थान के रूप में जाना जाता है। आस-पास के इलाकों से लोग यहां उनके पुश्तैनी मकान को देखने आते हैं, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा है। हमने सरकार से घर को संग्रहालय में बदलने का अनुरोध किया है ।
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