Lok Sabha Elections : भाजपा-बीजद गठबंधन पर आज लगेगी मुहर! सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर ओडिशा में सियासी हलचल तेज
Lok Sabha Elections बिहार-झारखंड की तरह ओडिशा में भी सियासी हलचल तेज है। यहां बीजद 15 साल पहले की तरह एक बार फिर से भाजपा के साथ गठबंधन में जा सकती है। मिली जानकारी के अनुसार इसे लेकर आज दिल्ली में बैठक होने जा रही है। ऐसे में स्थानीय नेताओं के सुर बदलने के साथ धड़कनें भी बढ़ी हुई हैं।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में भाजपा-बीजद के गठबंधन करने और सीट शेयरिंग की बात अभी तक स्पष्ट तो नहीं हुई है। परंतु जानकारी मिल रही है कि विधानसभा में बीजद को तथा लोकसभा में भाजपा को अधिक सीट मिलने वाली हैं।
कटक, केन्द्रापड़ा, जाजपुर, जगतसिंहपुर, भुवनेश्वर, आसिका, कंधमाल लोकसभा सीट बीजद के पास रहेगी। बरहमपुर लोकसभा सीट भी बीजद के खाते में जाने की संभावना है। वहीं, अन्य 13 से 14 सीट भाजपा के पास रहेगी।
हालांकि, विधानसभा में बीजद को 105 सीट मिलेगी, जबकि 42 सीट भाजपा के खाते में जाएंगी। हालांकि, विधानसभा की कौन सी सीट किसे मिलेगी यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है।
सीट शेयरिंग पर चर्चा के लिए दिल्ली में बैठक
सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश पर फाइव टी अध्यक्ष वीके पांडियन और बीजद के संगठन सचिव प्रणव प्रकास दास दिल्ली पहुंच गए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह एवं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ आज देर शाम चर्चा होनी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आज देर शाम तक सीट शेयरिंग एवं गठबंधन का स्पष्ट चित्र सामने आ जाएगा।
हालांकि, दोनों ही पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता किसी को कुछ भी नहीं पता है कि सीट बंटवारे का आधार क्या रहने वाला है। बीजद कितनी लोकसभा सीट के साथ विधानसभा लड़ेगी।
भाजपा के खाते में कितनी सीट आएगी। इसे लेकर नेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। सीट बंटवारा होने के बाद दोनों पार्टी अपने उम्मीदवार घोषित करेगी। ऐसे में दोनों ही पार्टी के नेता दिल थामकर इंतजार कर रहे हैं।
कई नेताओं की बदलेगी किस्मत
वहीं, यह गठबंधन कई नेताओं के करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट भी होने वाला है। राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनके साथ संगठन सचिव एवं कोर कमेटी के नेता भी दिल्ली में हैं।
हाईकमान का निर्देश है कि आप दिल्ली में ही रुकें। बुधवार को गठबंधन होने की खबर सुनने के बाद कई नेताओं की धड़कनें बढ़ गई हैं और बात-बात में बयानबाजी करने वाले नेता अब चुप्पी साधे हुए हैं।
दोनों खेमों में खुशी कम और नाराजगी ज्यादा
गठबंधन की खबर जानने के बाद दोनों ही पार्टी के खेमे में खुशी कम और नाराजगी ज्यादा दिख रही है। पार्टी के नेता गठबंधन को आसानी से हजम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, हाईकमान के निर्णय के सामने असहाय हैं और हाथ खड़े कर दिए हैं।
बीजद नेता देवी मिश्र ने कहा है कि राज्य के विकास के लिए जो भी जरूरी है, बीजद वह निर्णय लेगी। वहीं, भाजपा नेताओं ने भी मीडिया के सामने अब यह कहना शुरू कर दिया है कि पार्टी जो भी निर्णय लेगी, उसका हम समर्थन करेंगे।
गठबंधन का फॉर्मूला क्या होगा, उसे लकेर मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि भाजपा गठबंधन के तहत प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में दो या तीन सीट पर लड़ेगी। हालांकि, ये सब अभी चर्चा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 12 मार्च को गृहमंत्री अमित शाह एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने ओडिशा दौरे के दौरान नवीन पटनायक से मिलकर गठबंधन की संयुक्त घोषणा करेंगे।
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