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ओडिशा के जंगल में एक बार फिर दिखा काले रंग का तेंदुआ, वन्‍य जीव विशेषज्ञों में दौड़ी खुशी की लहर

ओडिशा के जंगल में एक बार फिर काले रंग का तेंदुआ देखे जाने के बाद वन्यजीव विशेषज्ञों के बीच उत्साह की लहर पैदा हो गई है। इसकी जानकारी पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) सुशांत नंद ने एक्स पर दी। काले रंग के विरल प्रजाति का यह तेंदुआ किस जिले के जंगल में देखा गया इस बारे में अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

By Arijita SenEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 30 Nov 2023 10:03 AM (IST)
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ओडिशा के जंगल में देखा गया काले रंग का तेंदुआ।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के जंगल में एक बार फिर काले रंग का तेंदुआ देखने को मिला है। राज्य सरकार की तरफ से चल रही बाघ गणना के दौरान कैमरे में एक काले रंग का तेंदुआ कैद हुआ है। यह जानकारी पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) सुशांत नंद ने 'एक्स' के जरिए दी है।

15 जनवरी तक आएगी राज्‍य सरकार की रिपोर्ट

हालांकि, पीसीसीएफ ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह काले रंग का विरल प्रजाति का तेंदुआ किस जिले के जंगल में किस निश्चित जगह पर देखा गया है।

यह तेंदुआ मध्य ओडिशा के एक जंगल में देखे जाने की बात शुरुआती सूचना मिल रही है। राज्य सरकार की बाघ गणना रिपोर्ट 15 जनवरी तक आने वाली है। ऐसे में इस खबर ने वन्यजीव विशेषज्ञों के बीच उत्साह की लहर पैदा कर दी है।

इनकी सही संख्‍या का पता नहीं चल पाया है

मध्य ओडिशा की जंगल सीमा काफी अधिक है। ऐसे में माना जा रहा है कि नयागढ़, कंधमाल, बौद्ध और अनुगुल जिलों में से किसी एक जंगल में यह काला बाघ है। इनकी संख्या कितनी है, पता नहीं चल पाया है।

पीसीसीएफ की जानकारी के बाद 'एक्स' पर लोग अलग-अलग विचार व्यक्त कर रहे हैं। एक ने लिखा है कि काला तेंदुआ दो साल पहले नयागढ़ जिले के दसपल्ला के बानीगोछा में देखा गया था इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है। सिमलीपाल टाइगर रिजर्व सहित कालाहांडी जिले में भी काले बाघ देखे गए।

इनके संरक्षण पर करना चाहिए विचार

काले बाघों को लेकर उत्साहित होने के बजाय उनके भविष्य की रक्षा के लिए कदम उठाया जाना चाहिए। 2018 में केंद्र सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा में तेंदुओं की संख्या 760 थी।

देश में इस प्रजाति के तेंदुओं की संख्या 12 हजार 852 थी, जो 2014 की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक 3,421 है, इसके बाद कर्नाटक में 1,783 और महाराष्ट्र में 1,690 हैं।

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पहले भी देखे जा चुके हैं काले तेंदुआ

वन्यजीव विशेषज्ञ बिश्वजीत महांति ने कहा है कि ओडिशा के जंगलों में काले तेंदुओं का दिखना कोई नई बात नहीं है। पिछले 50 वर्ष से ओडिशा के विभिन्न जंगलों में वे अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है।

सिमलीपाल में एक काले रंग का तेंदुआ देखा गया था। कालाहांडी जिले में भी लोगों ने काले रंग के तेंदुए को देखा था। काले रंग का तेंदुआ कर्नाटक, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी पाए गए हैं।

केंद्र सरकार की बाघ गणना रिपोर्ट में ओडिशा की निराशाजनक तस्वीर सामने आई है। इसे चुनौती देकर राज्य सरकार फिर से बाघों की गिनती कर रही है। लेकिन कोई बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है।

राज्य सरकार के अधिकारी ही केंद्र सरकार की गणना में शामिल थे इसलिए रिपोर्ट के गलत होने की कोई संभावना नहीं है। संख्या में दो-तीन का हेरफेर हो सकता है। सरकार को बाघों की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। शिमिलिपाल के अलावा सुंदरगढ़ और कालाहांडी में दो-तीन जगहों पर बाघ की उपस्थिति है।

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