छठ में बिहार जाना है भाई लेकिन जाएं कैसे? एक तरफ वेटिंग 200 के पार तो दूसरी तरफ तत्काल टिकटों पर दलालों का कब्जा
छठ पर्व के लिए बिहार जाने वाले ट्रेनों में लोगों की मारामारी है। ट्रेन में भेड़-बकरियों की तरह यात्री लादे जा रहे हैं। रेलवे स्पेशल ट्रेन चलाकर यात्रियों की मदद भी कर रही है लेकिन दलालों की कालाबाजारी इस पर भारी पड़ रही है। इन दिनों स्टेशनों में दलाल काफी सक्रिय हो गए हैं जो टिकटों की अवैध कालाबाजारी कर रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 15 Nov 2023 01:14 PM (IST)
जागरण संवाददाता, राउरकेला। जहां एक ओर त्यौहारों के मौसम में यात्रियों को आसानी से टिकट मिल सके, इसके लिए दक्षिण पूर्व रेलवे ने पूजा स्पेशल ट्रेनों के परिचालन सहित अन्य कई कदम उठाए हैं। लेकिन इंडियन रेलवे में यात्रा करने वाले यात्रियों को टिकट नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि त्योहार का मौसम आते ही राउरकेला रेलवे स्टेशन में टिकट के दलाल काफी सक्रिय हो गए हैं।
रेल टिकटों की जमकर हो रही कालाबाजारी
यह समस्या केवल राउरकेला स्टेशन में ही दिखाई नहीं पड़ रही है, बल्कि जिले के अन्य स्टेशनों में भी यही स्थिति है। रेलवे सुरक्षा बल ने ऑपरेशन उपलब्ध के तहत टिकटों की अवैध खरीद बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए सभी रेल मंडलों में रेल टिकटों की कालाबाजारी व टिकट दलालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाना शुरू किया है।
विभागीय अधिकारियों की दलालों से सांठगांठ
वहीं राउरकेला स्टेशन में इस तरह के अभियान नहीं चलने के कारण विभागीय अधिकारियों के टिकट दलालों के साथ सांठगांठ होने का संदेह किया जा रहा है। जिसे नकारा भी नहीं जा सकता है।इससे पूर्व राउरकेला ओसी भी टिकट दलालों के साथ मिल कर टिकटों की अवैध कारोबार समेत अन्य आरोपों के कारण निलंबित होने के बाद उनका यहां से तबादला कर दिया गया था।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें.
सभी के हिस्से पहुंचता है मेहनताना
टिकट दलाली के इस कारोबार में सभी को उनका मेहनताना मिलने की बात कही जा रही है। दलाल तत्काल के लिए केवल पैसे देकर लोगों को लाइन पर ही नहीं खड़े करवा रहे है, बल्कि पहले से ही विभाग के अधिकारियों को उनके घरों में जाकर तत्काल के भरे हुए फार्म और मेहनताना उपलब्ध करा देते हैं। जो कि मौका व नजाकत को देखते हुए उन्हें तत्काल टिकट में बदल देते हैं।
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