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रेलवे स्‍टेशनों पर दलालों का गोरखधंधा: कंफर्म टिकट के बदले की जा रही मोटी रकम की वसूली, रेल कर्मचारियों की भी है मिलीभगत

त्‍योहारी सीजन में अधिक संख्‍या में लोगों के सफर करने को लेकर टिकट को लेकर मारामारी रहती है। स्‍टेशनों पर दलाल इसका फायदा लेते हैं। दलाल रेल कर्मचारियों से मिलीभगत करके थोक में कंफर्म टिकट हासिल कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। दलाल कंफर्म टिकट के बदले प्रति व्यक्ति 500 से 2000 रुपये तक वसूलते हैं। इस राशि का कई स्‍तरों पर बंदरबांट होता है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 08 Nov 2023 12:33 PM (IST)
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तत्काल टिकट के लिए कतार में खड़े टिकट दलालों की टोली उसके पीछे आम लोग।
राजेश साहु, राउरकेला। राउरकेला माडल रेलवे स्टेशन पर टिकट दलालों का एक समूह सक्रिय है। इस स्टेशन में आम दिनों के साथ-साथ त्योहारी सीजन में लोग ट्रेनों में एकाध कंफर्म टिकट पाने के लिए तरस रहे हैं। किसी भी ट्रेन में टिकट लेना हो, लंबी वेटिंग लिस्ट मिल रही है। वहीं, दलाल रेल कर्मचारियों से मिलीभगत करके थोक में कंफर्म टिकट हासिल कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

काउंटर की खिड़की तक पहुंचते-पहुंचते टिकट बुक

राउरकेला आरपीएफ भी इन सबके बारे में जानकारी होने के बाद भी आंख मूंदे हुए है। राउरकेला रेलवे स्टेशन में टिकट दलालों के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आप किसी भी दिन तत्काल का टिकट आसानी से नहीं पा सकेंगे।

टिकट दलाल अपने साथ कुछ लोगों को रखे हुए हैं, जो इनके एजेंट के तौर पर काम करते हैं। वे देर रात ही एक पर्चा बनाकर बंद आरक्षण टिकट काउंटर के गेट पर टांग देते हैं। ऊपर इन्हीं लोगों का नाम लिखा होता है।

इस कारण अगर कोई आम आदमी टिकट लेने सुबह पहुंचता है, तो उसे 10-12 लोगों के बाद नंबर मिलता है। जब तक वह काउंटर की खिड़की तक पहुंचता है, टिकट बुक हो चुके होते हैं।

जांच के नाम पर होती है केवल खानापूर्ति

लोगों का आरोप है कि जब भी शिकायत की जाती है, तो जांच के नाम पर आरपीएफ केवल खानापूर्ति करती है। इन पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं होती, जिससे इस अवैध गोरखधंधे पर लगाम लग सके।

टिकटों की इस दलाली में रेलवे रिजर्वेशन सुपरवाइजर, क्लर्क से लेकर आरपीएफ के अधिकारियों तक की मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।

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त्योहारी सीजन में अधिक सक्रिय हो जाते दलाल

दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ से लेकर ईद और मुहर्रम जैसे पर्व-त्योहारों में ये टिकट दलाल अधिक सक्रिय हो जाते हैं। त्योहारी सीजन के दौरान छुट्टियों में लोग अधिक यात्रा करते हैं। इस सीजन में टिकटों की मांग अधिक होती है। ऐसे में ये दलाल पहले ही टिकट बुक करा लेते हैं।

जिससे आम लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता है। इसमें कई स्तर पर मिलीभगत और हेरफेर होती है। आम लोगों अक्सर यह पूछते पाये जाते हैं कि जब टिकट उपलब्ध ही नहीं है, तो ये दलाल कैसे लोगों को कंफर्म टिकट दे रहे हैं।

500 से 2000 रुपये तक वसूले जाते हैं प्रति व्यक्ति टिकट

दलाल प्रति व्यक्ति 500 से 2000 रुपये तक कंफर्म टिकट के बदले वसूलते हैं। जिनकी कई स्तरों पर बंदरबांट होती है। टिकट दलाल इससे अपना कमीशन निकालने के बाद इससे जुड़े ऊपर विभाग तक राशि पहुंचाते हैं ताकि उनका गोरखधंधा बिना किसी रुकावट के चलता रहे।

स्थानीय लोगों और नियमित यात्रा करने वालों का आरोप है कि इन पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी आरपीएफ की है, लेकिन वे भी चुप्पी साधे रहते हैं।

जबकि स्टेशन के आरक्षण टिकट काउंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पर नियमित नजर रखी जाए, तो इन दलालों को आसानी से पहचाना जा सकता है और उनकी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है।

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