Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Tunnel Collapse: ओडिशा के गांव-गांव में श्रमिकों के लिए रखी जाएगी वेलकम पार्टी; टनल से बाहर निकलते ही परिजनों ने फोड़े खूब पटाखे

सिल्कयारा सुरंग में बचाव अभियान की सफलता पर ओडिशा में जश्न का माहौल है। 17 दिनों से सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों में से पांच ओडिशा के भी थे। मंगलवार देर शाम इन सभी को बचा लिया गया। इसी के साथ दिवाली की रात से ढही हुई सुरंग में 400 घंटे से फंसे श्रमिकों के परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 29 Nov 2023 12:53 PM (IST)
Hero Image
धीरेन नायक को सुरंग से बचाने के बाद नाचते गांववाले।

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग के अंदर 17 दिनों से फंसे पांच उड़िया श्रमिकों के परिवारों ने आखिरकार राहत की सांस ली, जब मंगलवार देर शाम को उन्हें 36 अन्य श्रमिकों के साथ बचा लिया गया।

गाजे-बाजे के साथ गांव में मना जश्‍न

बचाए गए उड़िया श्रमिक हैं - बारीपदा के विश्वेश्वर नायक और धीरेन नायक, झरीगांव के भगवान भत्रा, कुलडीहा के राजू नायक, और चालीस चेन गांव के तपन मंडल।

दिवाली की रात से ढही हुई सुरंग में 400 घंटे से फंसे श्रमिकों के परिवारों में जो दुख का अंधेरा छाया हुआ था, अब उनके जीवन मे खुशी की रोशनी लौट आई और उन्होंने नृत्य, संगीत और पटाखों के साथ अपने परिजनों के बचाव की खबर का जश्न मनाया।

श्रमिकों के लिए गांव में रखी जाएगी वेलकम पार्टी

रिपोर्टों के अनुसार, बचाए गए उड़िया श्रमिकों के गांव वाले अपने-अपने गांव लौटने पर एक विशाल स्वागत पार्टी की योजना बना रहे हैं। अपने बेटे के बचाव की खबर मिलने के बाद धीरेन नायक की मां, जो पिछले 17 दिनों से रो रही थीं और खाना नहीं खा रही थीं, उनकी खुशी अब सातवें आसमान पर थीं।

उन्होंने धीरेन के सुरंग से सुरक्षित निकलने की खुशी में ग्रामीणों को मिठाइयां बांटीं। धीरेन के एक रिश्तेदार ने कहा कि हमें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि धीरेन सुरंग से बाहर आ गया है। हमने उनसे फोन पर बात की थी वह स्वस्थ हैं और उन्‍हें कोई चोट नहीं लगी है।

सफल अभियान के बाद रैट होल खनिक।

WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें

ओडिशा के गांव-गांव में एक बार फिर मनी दिवाली

इसी तरह, मंगलवार रात भगवान भत्रा के बचाव की खबर फैलने के बाद नबरंगपुर के झरिगांव के ग्रामीणों में उत्सव का माहौल था।

वहीं डाबूगांव के बीडीओ शरत माझी ने कहा कि मुझे खुशी है कि भगवान सुरक्षित हैं और ढही हुई सुरंग से सुरक्षित बाहर आ गया हैं। जब वह गांव लौटेंगे तो हम उसका स्वागत करेंगे। हम उसे सरकारी योजनाओं में शामिल करना सुनिश्चित करेंगे ताकि वह दोबारा प्रवासी श्रमिक के रूप में बाहर काम करने न जाए।

दाबूगांव के विधायक मनोहर रंधारी ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि भगवान सुरक्षित और स्वस्थ होकर घर लौटेगा। मैंने उनके परिवार के सदस्यों के साथ नृत्य और पटाखे फोड़कर सुरंग से उनकी सुरक्षित वापसी का जश्न मनाया। यह हमारे लिए दिवाली से कम नहीं है।

सीएम पटनायक और राज्‍यपाल रघुबर दास ने जताया आभार

बचाव दल की दृढ़ता ने 17 दिनों तक सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचा लिया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने श्रमिकों तक पहुंचने के लिए बरमा मशीन और सुरंग खनिकों द्वारा 60 मीटर बचाव पाइप को धकेलने के लिए मलबे को तोड़ दिया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य अधिकारियों ने बचाए गए श्रमिकों का स्वागत किया और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। चिकित्सा कर्मियों से लैस एम्बुलेंस और अस्थायी स्वास्थ्य सुविधाओं ने बचाए गए मजदूरों की जांच की और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया।

निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और तब से लोगों को बचाने के प्रयास जारी थे। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व राज्यपाल रघुबर दास ने इस बचाव अभियान की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए बचाव दल का आभार व्यक्त किया।

यह भी पढ़ें: Vande Bharat Train: राउरकेला-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव करने के आरोप में दो गिरफ्तार, शराब के नशे में किया था ये कांड

यह भी पढ़ें: बेवफा पति के खिलाफ थाने पहुंची पत्‍नी, चुपके से रचा ली थी दूसरी लड़की से शादी; अपने दो मासूम बच्‍चों का भी नहीं आया ख्‍याल

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें