PM मोदी के नक्शेकदम पर ओडिशा का 'चायवाला' लड़ेगा विधानसभा चुनाव, इस सीट से दाखिल किया नामांकन
ओडिशा का एक चाय बेचने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेगा और उन्होंने पुरी जिले के ब्रह्मगिरी विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। बता दें कि वे राज्य के सभी विधानसभा प्रत्याशियों में सबसे गरीब उम्मीदवारों में से एक हैं। उम्मीदवार करीमपुर गांव के निवासी हैं और उनका नाम सुकांत घदाई है। वे चाय बेचकर अपना गुजारा करते हैं और उन्होंने अपनी चल और अचल संपत्ति शून्य बताई है।
एएनआई, भुवनेश्वर। Odisha Chaiwala Will Contest Assembly Election: ओडिशा का एक चाय विक्रेता विधानसभा चुनाव के मैदान में कूद गया है। करीमपुर गांव के निवासी सुकांत घदाई (26) चाय बेचकर अपना गुजारा करते हैं और उन्होंने पुरी जिले के ब्रह्मगिरी विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया।
वे राज्य के सभी विधानसभा प्रत्याशियों में सबसे गरीब उम्मीदवारों में से एक हैं। घदाई ने अपने नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए हलफनामे में चल और अचल संपत्ति शून्य बताई है।
इनसे होगा मुकाबला
बता दें कि घदाई का चुनावी मैदान में सत्तारूढ़ बीजद के उमाकांत सामंतराय, भाजपा की उपासना महापात्र और कांग्रेस उम्मीदवार मित्रभानु महापात्र से मुकाबला होगा। इस निर्वाचन क्षेत्र में बाकी सीटों के साथ 25 मई को मतदान होगा।पीएम मोदी से ली प्रेरणा
बता दें कि घदाई एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। उनका कहना है कि वह पीएम मोदी के नक्शे कदम पर चलते हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा ली है। उन्होंने कहा कि अगर एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है, तो एक चाय बेचने वाला विधायक भी बन सकता है।
घदाई ने आगे कहा कि इसलिए मैंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है और निर्वाचित होने पर ब्रह्मगिरी (उनके निर्वाचन क्षेत्र) को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के साथ लोगों की ईमानदारी से सेवा करने का संकल्प लिया है।
इस दिशा में करेंगे कार्य
उन्होंने आगे कहा कि अगर लोग मुझे विधानसभा में अपना प्रतिनिधि चुनते हैं, तो मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र को आत्मनिर्भर और भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने की दिशा में काम करूंगा। मेरी योजना इस निर्वाचन क्षेत्र को वर्तमान में व्याप्त कई बुराइयों और कदाचारों से छुटकारा दिलाने की है और इसमें रिश्वत लेने की संस्कृति भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि वे अगर विधायक चुने जाते हैं, तो क्षेत्र एम्बुलेंस की खराब पहुंच पर इसका समाधान करेंगे और आवारा मवेशियों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का भी काम करेंगे।
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