Chandrayaan-3: मून मिशन में टेक्नीशियनों की टीम में थे ओडिशा के शुभाशीष, LVM-3 रॉकेट को बनाने में दी थी मदद
Chandrayaan-3 News भारत का मून मिशन यानी कि चंद्रयान-3 को सफल बनाने के पीछे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक पूरी टीम की मेहनत है जो लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस टीम में ओडिशा के शुभाशीष सामल भी शामिल हैं जो एलवीएम-3 फैटबॉय के निर्माण में लगे टेक्नीशियनों की एक टीम का हिस्सा थे। शुभाशीष 2018 से इसरो में काम कर रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 23 Aug 2023 12:51 PM (IST)
जासं, रांची। Chandrayaan-3 News: भारत आज चांद पर फतेह हासिल करने जा रहा है। भारत का मून मिशन यानी कि चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चांद के सतह पर लैंड होगा। यह किसी भी भारतीय के लिए गर्व की बात है। हालांकि, इसे सफल बनाने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक पूरी टीम की मेहनत है। इस टीम में ओडिशा के शुभाशीष सामल भी शामिल हैं।
2018 से इसरो से जुड़े हैं शुभाशीष
शुभाशीष का घर ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के डेराबिश ब्लॉक के मुकुंदपुर गांव में है। 28 वर्षीय शुभाशीष ने 2009 में दोहली स्थित बीबी मॉडल हाई स्कूल से मैट्रिक तक की पढ़ाई की है।
टेक्नीशियन बनने के मकसद से उन्होंने पहले तीन साल तक आईटीआई की पढ़ाई की और फिर तीन साल सीटीटीसी में पढ़ाई की। इसके बाद वह इसरो में नौकरी पाने में कामयाब रहे। वह 2018 से इसरो में काम कर रहे हैं।
एलवीएम-3 फैटबॉय के निर्माण में दी थी मदद
वह एलवीएम-3 फैटबॉय के निर्माण में लगे टेक्नीशियनों की एक टीम का हिस्सा थे, जिसे बीते 14 जुलाई को चंद्रमा की सतह पर लॉन्च किया गया था। चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण और निर्माण दल में उनके शामिल होने की खबर सामने आने के बाद उन्हें व उनके परिवार को बधाई देने वालों की होड़ लगी रही।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।