ओडिशा की राजनीति में महिलाओं का वंदन: मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी में नारी शक्ति का बोलबाला
नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। इसके कानून बनने के साथ ही लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। ओडिशा यह बहुत पहले ही कर चुका है। साल 2019 में लोकसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाली पहली पार्टी बीजद है। बीजद में महिलाओं का वंदन लंबे समय से होता रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 22 Sep 2023 03:51 PM (IST)
जासं, भुवनेश्वर। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से लाया गया नारी शक्ति वंदन विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा में 454 मतों से पास हो गया। इस बिल के जरिए अब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। यानी कि इससे महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएगी।
ओडिशा की राजनीति में महिलाओं का वंदन
नारी शक्ति वंदन विधेयक से न केवल महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगी, बल्कि राजनीति के क्षेत्र में इनकी सक्रिय भागीदारी भी बढ़ेगी।
यह एक ऐतिहासिक कानून है, जिसका महिलाओं ने दिल खोलकर स्वागत किया और एक-दूसरे को बधाई भी दी। हालांकि, अगर बात ओडिशा की करें, तो यहां की बीजद सरकार राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं का वंदन हमेशा से ही करती रही है।
संसद में ओडिशा की महिला सांसदों का बोलबाला
बीजद में महिला सांसदों की संख्या सबसे अधिक है। 17वीं लोकसभा में कुल 78 महिला सांसद चुनकर आई हैं। इनमें से सात महिला सांसद ओडिशा से हैं। ऐसे में ओडिशा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां इसकी कुल 21 सीटों में से 42 फीसदी महिलाओं की हिस्सेदारी है।
बता दें कि ओडिशा में लोकसभा सीटों की संख्या 21 है। इनमें से बीजद की 12 सीटों पर पांच महिला और सात पुरुष सांसद हैं। भाजपा की कुल आठ सीटें हैं, जिनमें से दो पर महिलाएं आसीन हैं और छह पर पुरुष।
कांग्रेस की सिर्फ एक ही सीट है, जिस पर पुरुष सांसद है। इसी के साथ संसद में महिलाओं का सर्वाधिक प्रतिनिधित्व वाला राज्य ओडिशा बन गया है।यह भी पढ़ें: बीजद ने अपने दो विधायकों को पार्टी से बाहर निकाला, खुद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया इसका ऐलान, जानें मामला
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