Odisha Honey Trap: अर्चना के रंग महल में रंगीन पार्टियां और ड्रग्स का भी होता था कारोबार, भाजपा नेता का आरोप
Odisha Honey Trap ओडिशा के भाजपा नेता का आरोप है कि बीजू जनता दल के कई युवा नेता अर्चना नाग के घर आते-जाते रहते थे। अर्चना के रंग महल में न केवल रंगीन पार्टियां चल रही थीं बल्कि ड्रग्स का भी कारोबार होता था। अर्चना के पति इसके संरक्षक थे।
By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Thu, 13 Oct 2022 03:06 PM (IST)
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Odisha Honey Trap: ओडिशा में लेडी ब्लैकमेलर अर्चना नाग (Anita Nag) को लेकर चर्चा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आधी रात को अर्चना के रंग महल में न सिर्फ रंगीन पार्टियां होती थी, बल्कि यह भी आरोप है कि वहां ड्रग्स का कारोबार भी चल रहा था। यह आरोप भुवनेश्वर जिला भाजपा अध्यक्ष बाबू सिंह ने लगाया है।
अर्चना के पति पर भी लगाया आरोप
बाबू सिंह के आरोप के मुताबिक, बीजू जनता दल (BJD) के कई युवा नेता अर्चना के घर आते-जाते रहते थे। अर्चना के रंग महल में न केवल रंगी पार्टियां होती थीं, बल्कि ड्रग्स का भी कारोबार होता था। खुद अर्चना के पति जगबंधु चांद इसके संरक्षक थे। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां इस घटना में कई बड़े परिवार के शामिल होने के आरोप हैं, मगर पुलिस बेहतर तरीके से जांच करने के बदले मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।
अर्चना के हनीट्रैप में शामिल हैं 25 नेता
अर्चना के हनीट्रैप में 25 से अधिक नेता और प्रभावशाली लोगों के शामिल होने की जानकारी विभिन्न सूत्रों से मिल रही है, इसमें 18 विधायकों के शामिल होने की बात कही जा रही है। इनमें आधे से ज्यादा बीजद के विधायक हैं, जबकि तीन मंत्री शामिल हैं। ऐसे में जांच में ढिलाई बरतने की बात कही जा रही है। गिरफ्तारी के हफ्तों बाद भी पुलिस ने अर्चना को रिमांड में नहीं ला रही है। अर्चना नाग और उसके पति जगबंधु चांद के साथ बीजद के नेता व प्रभावशाली लोगों की फोटो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रही है।इस तरह हुआ मामले का खुलासा
कई नेताओं ने जवाब दिया है कि वे अर्चना को ना ही जानते हैं और ना ही पहचानते हैं। पुलिस भी इस दिशा में सक्रियता से जांच नहीं कर रही है। एक पीड़िता द्वारा अर्चना के खिलाफ खडगिरी थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद उसके काले धंधे का धीरे-धीरे खुल रहा है। हालांकि, पुलिस ने उक्त युवती से अभी तक पूछताछ नहीं किया है और ना ही सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज किया है, इस भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
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