भुवनेश्वर के सभी स्कूलों में साइबर अपराध का पाठ पढ़ाएगी कमिश्नरेट पुलिस, बच्चे होंगे जागरुक
भुवनेश्वर के स्कूलों में अब कमिश्नरेट पुलिस (Commissionerate police) साइबर अपराध (Cyber Crime) की पढ़ाई करवाएगी। कमिश्नरेट पुलिस बच्चों को 10 प्रकार के साइबर अपराध और अन्य तरह के अपराधों के बारे में बताएगी। इसे लेकर मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Thu, 17 Nov 2022 11:54 AM (IST)
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे साइबर अपराध (Cyber Crime), नशा कारोबार या अन्य आपराधिक गतिविधियों से दूर रहें इसके लिए अब कमिश्नरेट पुलिस (Commissionerate police) ने कमर कस ली है। राजधानी के विभिन्न स्कूलों में जाकर कमिश्नरेट पुलिस बच्चों को 10 प्रकार के साइबर अपराध और अन्य तरह के अपराधों के बारे में जानकारी देगी और उन्हें जागरूक करेगी।
मास्टर प्लान हुआ तैयार
कमिश्नरेट पुलिस ने इस संदर्भ में एक मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। स्कूल के अध्यापक एवं पुलिस अधिकारियों को लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इसके बाद स्कूल स्तर पर साइबर सिक्योरिटी क्लब का गठन किया जाएगा। ऐसी ही एक नई योजना का कमिश्नरेट पुलिस ने शुभारंभ किया है। राजधानी भुवनेश्वर में रहने वाले सभी स्कूलों में साइबर अपराध जागरूकता कार्यशाला की जाएगी।
इस संदर्भ में कमिश्नरेट पुलिस मुख्यालय में राजधानी के 100 स्कूल के प्रतिनिधि एवं पुलिस को लेकर एक समन्वय बैठक की गई है। इस बैठक में पुलिस आयुक्त सौमेंद्र प्रियदर्शी, डीसीपी प्रतीक सिंह, ट्रैफिक विश्व की ठाकुर प्रसाद पात्र प्रमुख उपस्थित थे।
प्रत्येक स्कूल में दो पुलिस व्हाट्सएप ग्रुप
बैठक में हुई चर्चा के मुताबिक पहले प्रत्येक स्कूल में दो पुलिस व्हाट्सएप ग्रुप रहेगा। इसमें स्कूल के कंप्यूटर विषय में ज्ञान रखने वाले शिक्षक व अन्य एक शिक्षक को शामिल किया जाएगा। उसी तरह से स्कूल स्तर पर साइबर सिक्योरिटी क्लब में 5 लोगों को शामिल किया जाएगा। इस क्लब में एक छात्रा, 2 छात्र तथा 2 शिक्षक को स्थान दिया जाएगा।
बच्चे बनेंगे जागरुक
यह जागरूकता कार्यक्रम भुवनेश्वर के सभी स्कूलों में चलाया जाएगा। पहले चरण में यह कार्यक्रम 50 स्कूलों में चलाए जाने की जानकारी मिली है। इसमें अभिभावक, छात्र छात्रा, शिक्षक शिक्षिका जागरूकता कार्यक्रम में साइबर विशेषज्ञ के साथ भाग लेंगे। इन्हें 10 से 12 प्रकार की साइबर ठगी के बारे में जानकारी दी जाएगी और जागरूक किया जाएगा। डीसीपी प्रतीक सिंह ने कहा है कि इस व्यवस्था से बच्चे साइबर अपराध के बारे में जागरूक होंगे और आगे चलकर इस तरह का कोई कार्य नहीं करेंगे ऐसी हमें उम्मीद है।उन्होंने यह भी बताया कि जनसंपर्क कार्यक्रम में केवल साइबर अपराध ही नहीं आत्महत्या, नशा कारोबार, बाल विवाह, अश्लील फोटो दिखाकर युवतियों को ब्लैकमेलिंग करने जैसे विषय के बारे में भी चर्चा की जाएगी। विभिन्न स्कूलों के शिक्षक व अनेक कार्यकर्ता को लेकर आयोजित इस कार्यशाला में साइबर अपराध जागरूकता के बारे में व्यापक चर्चा हुई है। इसमें विभिन्न स्कूल के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी।
गौरतलब है कि छात्र-छात्रा एवं बच्चे ही ज्यादातर साइबर ठगी या अपराध का शिकार हो रहे हैं। ऐसे मामले साइबर थाना से लेकर अन्य थाने में भी भरे पड़े हैं। ऐसे में इस पर लगाम लगाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने इस तरह का कदम उठाया है।यह भी पढ़ें - Abasar Beuria passed away: पूर्व भारतीय राजदूत अवसर बेउरिया का निधन, 80 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस
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