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सबको रुलाकर चल बसा गुलूपापा...इंसान की तरह निभाई हर जिम्‍मेदारी, गमगीन परिवार ने रखी शोक सभा; कराया ब्राह्मण भोज

Odisha News in Hindi भुवनेश्‍वर से एक परिवार के कुत्‍ते की आत्‍मा की शांति के लिए शोक सभा रखने और ब्राह्मण भोज कराने का मामला सामने आया है। लैब्राडोर नस्‍ल के इस कुत्‍ते का नाम गुलूपापा है जिसे बचपन से परिवार ने पालपोस कर बड़ा किया। उसने भी इंसान की तरह हर जिम्‍मेदारी बखूबी निभाई। उसके जाने से पूरा घर सूना हो गया है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 12 Oct 2023 02:04 PM (IST)
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लैब्राडोर की आत्‍मा की शांति के लिए शोकसभा।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के खुर्दा जिले में एक अनूठा पशु प्रेम देखने को मिला है। यहां एक कुत्ते की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए शोक सभा रखी गई एवं ब्राह्मण भोज दिया गया।

गुलूपापा ने इंसान की तरह निभाई जिम्‍मेदारी

जानकारी के मुताबिक, चंद्र शेखर महापात्र का परिवार भुवनेश्वर के टंकपाणी इलाके में एक व्यक्ति से लैब्राडोर नस्ल का पिल्ला लेकर आया था। परिवार के सदस्यों ने इसे बड़े ही प्‍यार के साथ पालपोस कर बड़ा किया और प्यार से इसका नाम गुलूपापा रखा।

परिवार का कहना है कि वह भले ही इंसान नहीं था, लेकिन उसने अपनी जिम्मेदारी एक इंसान की ही तरह निभा रहा था इसीलिए परिवार के लोग गुलूपापा के हाथों में और उम्मीद में घर की रखवाली की जिम्मेदारी छोड़कर बाहर चले जाते थे।

वक्‍त से पहले ही दुनिया को कह दिया अलविदा

इसने एक वफादार की तरह मालिक का भरोसा भी जीत लिया था। भले ही गुलुपापा एक जानवर था, लेकिन वह इंसान के प्यार को समझ सकता था।

12 वर्षों तक वह परिवार के सदस्य की तरह रहा, लेकिन वह असमय ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया और परिवार की आंखों में आंसू छोड़ गया।

परिवार ने आत्‍मा की शांति के लिए कराया ब्राह्मण भोज

5 अक्टूबर को गुलूपापा की मौत के बाद घर पूरा सूना हो गया। हर सदस्य गमगीन नजर आ रहा है। आज सब कुछ है, लेकिन गुलूपापा नहीं है। परिवार ने नम भरी आंखों से यह बात कही है।

गुलूपापा की मौत से पूरे परिवार में शोक की लहर है। आज गुलूपापा की मौत के सातवें दिन महापात्र परिवार की तरफ से स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इसके साथ ही ब्राह्मण भोज हुआ।

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