श्रीमंदिर में आनलाइन दान के लिए ई-हुंडी व्यवस्था के शुभारंभ से पहले विवाद, अंतिम समय में किया रद
श्रीमंदिर ई-हुंडी (e-hundi system) व्यवस्था को लेकर आज विवाद खड़ा हो गया। विरोध के कारण कार्यक्रम को अंतिम समय में रद कर दिया गया था। एसबीआइ ने क्यूआर कोड की व्यवस्था की है इसे स्कैन कर श्रद्धालु जितना चाहे उतना दान कर सकता है।
By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Sat, 19 Nov 2022 11:55 AM (IST)
भुवनेश्वर/ पुरी, जागरण संवाददाता। श्रद्धालुओं द्वारा आनलाइन दान के लिए शुरू की जाने वाली श्रीमंदिर ई-हुंडी (e-hundi system) व्यवस्था को लेकर आज विवाद खड़ा हो गया। श्रीमंदिर प्रबंधन समिति के कर्मचारियों के विरोध के कारण कार्यक्रम को अंतिम समय में रद कर दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार भगवान के दर्शन के लिए आने वाले सभी भक्तों के लिए मंदिर की हुंडी में दान करना संभव नहीं है। यदि वे इच्छुक भी हों तो उनके लिए मंदिर में प्रवेश कर भीड़ में दान करना संभव नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए श्रीमंदिर प्रशासन और एसबीआइ के संयुक्त उद्यम से ई-हुंडी की सुविधा शुरू करने की योजना बनाई गई थी।
क्यूआर कोड स्कैन कर श्रद्धालु कर सकते हैं दान
इसके लिए एसबीआइ ने क्यूआर कोड की व्यवस्था की है। इस क्यूआर कोड को स्कैन कर श्रद्धालु जितना चाहे उतना दान कर सकता है। विशेष रूप से छोटी राशि दान करने के इच्छुक भक्त इससे लाभान्वित हो सकते थे। दान के पैसे को सीधे दान के प्रशासन दान खाते में जमा करने की व्यवस्था की गई थी। इसी व्यवस्था का शुभारंभ करने के लिए शुक्रवार को मंदिर के सिंह द्वार पर विशाल जनसभा का आयोजन किया गया।शुक्रवार को श्री मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य, श्री मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी, एसबीआइ के अधिकारी, जिलाधिकारी एवं श्री मंदिर के उप प्रशासक की उपस्थिति में क्यूआर कोड लान्च करने का कार्यक्रम था। लेकिन जब कार्यक्रम के लिए मंच तैयार हो गया और सारी तैयारियां हो गईं तो सेवायत के महल में अचानक एक प्रतिक्रिया हुई।
अंतिम समय में हुई त्रुटि के कारण किया रद
बाद में जिलाधिकारी भी कार्यक्रम में आने को राजी नहीं हुए। इसलिए इस महान कार्य को रद कर दिया गया। इस संबंध में एसबीआई पुरी के मुख्य अधिकारी विजय शतपथी ने कहा कि कार्यक्रम का शुभारंभ आज होना था, लेकिन अंतिम समय में हुई त्रुटि के कारण इसे रद कर दिया गया। यह सही है कि उचित चर्चा होने के बाद ही श्रीमंदिर में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।इस संबंध में श्रीमंदिर विकास प्रशासक अजय कुमार जेना ने कहा है कि हमें इसकी जानकारी नहीं थी। एसबीआई ने अपनी ओर से ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया था।यह भी पढ़ें - Ujjain Property Rate: उज्जैन के इतिहास में अब तक की सबसे महंगी जमीन, 3.27 करोड़ में हुई रजिस्ट्री
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