यूं ही नहीं डॉक्टर कहलाते भगवान का दूसरा रूप: जब सभी ने छोड़ दी थी उम्मीद तब एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टरों ने कर दिखाया कमाल
छह साल की श्रावणी मल्लिक और सात साल के सूर्यकांत दर्द दोनों बिजली की चपेट में कुछ इस तरह से आए कि बचना नामुमकिन हो गया। परिवारवालों ने उम्मीद छोड़ दी थी तभी एम्स भुवनश्वेर के डॉक्टरों ने कुछ ऐसा कमाल कर दिखाया कि अब बच्चे पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। स्किन एलोग्राफ्ट से इन्हें नई जिंदगी मिली।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 08 Nov 2023 01:00 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। छह साल की श्रावणी मल्लिक और सात साल के सूर्यकांत दर्द से तड़प रहे थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसा जीवन मिलेगा। हालांकि, एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टरों की वजह से दोनों को नया जीवन मिला है। अन्य एक व्यक्ति की त्वचा ने दोनों को एक नया जीवन दिया। इस तरह की सफलता एलोग्राफ्ट उपचार के माध्यम से मिली है।
दोनों बच्चों को बचाना था नामुमकिन
छह साल की श्रावणी मल्लिक भुवनेश्वर के केसुरा गांव की रहने वाली है। वह नौ जून को छत पर खेलते समय करंट की चपेट में आ गयी जिससे श्रावणी के दोनों हाथ और पूरा पेट जल गया।परिजनों ने उसे कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में उन्हें कटक के बड़ा मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया।
हालांकि, यहां डॉक्टर ने दोनों हाथ काटने की सलाह दी और कहा कि इसके बिना बच्ची को बचाना असंभव हो जाएगा। एससीबी के डॉक्टर का ऐसा बयान सुनकर परिवार के लोग टूट गए।
बाद में वह आखिरी उम्मीद लेकर एम्स पहुंचे। श्रावणी को भुवनेश्वर के एम्स बर्न सेंटर में भर्ती कराया गया था, वहां से अब उसे नई जिंदगी मिल गई है।
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