LRGB Bomb: थर-थर कापेंगे दुश्मन, DRDO ने तैयार किया 100 KM रेंज वाला घातक बम; रक्षा मंत्री ने दी बधाई
DRDO Gaurav Bomb डीआरडीओ भारतीय वायु सेना के लिए एक घातक लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) का निर्माण किया है और बंगाल की खाड़ी में इसका सफल परीक्षण किया गया। यह बम 100 किलोमीटर की लंबी रेंज तक टारगेट को ध्वस्त करने में सक्षम है। इस बम का नाम गौरव दिया गया है। यह टारगेट के हिसाब से खुद को नेविगेट और ग्लाइड कर सकता है।
जागरण संवाददाता, बालेश्वर। भारतीय डीआरडीओ ने आज बंगाल की खाड़ी में वायु सेवा के लिए बनाया गया 100 किलोमीटर रेंज वाला घातक हथियार का सफल परीक्षण किया है।
गौरव नामक इस बम की खासियत यह है कि यह खुद को नेविगेट और ग्लाइड करते हुए अपने टारगेट को ध्वस्त करने में सक्षम रहा है। भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश का पहला लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (एलआरजीबी) विकसित किया है।
क्या है बम की खासियत
इस बम की खासियत यह है कि यह खुद को नेविगेट और ग्लाइड करते हुए अपने टारगेट को ध्वस्त करने में सक्षम है। डीआरडीओ ने दो बमों को डिजाइन किया है। पहले बम विंग के जरिए ग्लाइड कर निशाना लगाने वाला गौरव एलआरजीबी है, दूसरा बिना विंग वाला गौतम है।गौरव 1 टन वजनी 100 किलोमीटर रेंज वाला बम है। इसका पहली बार परीक्षण उड़ीसा के बालेश्वर में 29 अक्टूबर 2021 को लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई के जरिए किया गया था।
इजरायली हथियार स्पाइस का है अवतार
इस बम से हवा में 10 किलोमीटर के एल्टीटाइड से लेजर गाइड के लिए समुद्र तल पर सफलतापूर्वक निशान लगाया गया था। आज भी यह बम अपने निशाने को ध्वस्त करने में पूरी तरह से कामयाब रहा था।यह बम मौजूदा समय में भारतीय वायुसेना में उपयोग होने वाला इजरायली हथियार स्पाइस 2000 का भारतीय अवतार माना जाता है। जो 50 से 150 किलोमीटर तक निशान लगा सकता है।
आज इस परीक्षण को देखते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे डीआरडीओ के टीम को बधाई दिया है, वही डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर भी कामत ने भी आज के इस सफल परीक्षण के लिए पूरे डीआरडीओ टीम को बधाई दिया है।ये भी पढे़ं-बार में शराब के साथ डांस पर लगेगी रोक, नई आबकारी नीति लाने से पहले Odisha सरकार का सख्त रुख
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